गोंडा: ब्लड बैंक प्रभारी ने खून देकर बचाई मरीज की जान
600 यूनिट क्षमता वाले मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में मात्र 22 यूनिट खून ही बचा है। पांच जरूरी ब्लड ग्रुप का स्टॉक शून्य है। ऐसे में सड़क दुर्घटना में घायल व गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है।
शहर निवासी थैलेसीमिया से पीड़ित सीके शर्मा को शनिवार को ओ पॉजिटिव ग्रुप के खून की जरूरत थी। लेकिन ब्लड बैंक में इस ग्रुप के खून का स्टॉक शून्य था। इस ग्रुप का कोई रक्तदाता न होने के कारण खुद ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. चेतन पराशर ने रक्तदान कर मरीज की जान बचाई। इसी तरह हर रोज कई गंभीर मरीजों को खून की कमी के कारण भटकना पड़ता है। ब्लड बैंक के प्रभारी ने लोगों से रक्तदान कर जीवन बचाने की अपील की है।
महाराजा देवीबख्श सिंह राज्य मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. शोएब इकबाल ने बताया कि एक यूनिट रक्तदान कर तीन लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। इसके अलावा रक्तदान करने वालों का शरीर सेहतमंद भी होता है। नियमित रक्तदान करने से शरीर में आयरन की अधिकता होने की संभावना कम रहती है। ऐसे में कैंसर जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। रक्तदान शरीर की कोशिकाओं को प्रोत्साहित करता है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
ब्लड बैंक में खून की कमी को देखते हुए जन सरोकार में अग्रणी रहने वाला अमर उजाला फाउंडेशन 14 जून को मेगा रक्तदान शिविर आयोजित करेगा। इसमें शहर के चिकित्सक, अधिकारी, पुलिसकर्मी व सामाजिक कार्यकर्ता रक्तदान करेंगे। आप भी रक्तदान कर जरूरतमंदों का जीवन बचा सकते हैं। प्रत्येक रक्तदाता को अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से महादानी के सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।