गोंडा: 6 डिग्री तापमान में 48 घंटे गन्ने के खेत में पड़ा रहा नवजात

यूपी के गोंडा जिले में 6 डिग्री तापमान में 48 घंटे एक नवजात शिशु गन्ने के खेत में पड़ा रहा। मुस्लिम महिला बनी देवदूत बचाई जान।
बच्चों को गोद में लिए महिला
अपने घर से खेत टहलने गई। एक महिला को गन्ने के खेत में बच्चों के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। खेत में जिस तरफ से आवाज आ रही थी। महिला गन्ने के खेत में आगे बढ़ती गई। कुछ दूर जाने पर देखा कि एक कपड़े में लिपटा नवजात शिशु रो रहा है। उसने तत्काल बच्चों को उठाकर सीने से लगा लिया। और अपने घर ले आई। यह जंगल में आग की तरह फैल गई। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। चाइल्ड लाइन के अफसरोल को सूचना देने के बाद बच्चों को महिला के सुपुर्द कर दिया गया है।डाक्टरों के मुताबिक नवजात सामान्य अवस्था में है। उसके शरीर के सभी अंग ठीक काम कर रहे हैं। गन्ने के खेत में मिले नवजात को लेकर लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं।
गोंडा जिले के बभनजोत थाना के गांव बैजपुर की है। इस गांव में मां के ममता की शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। कलंक से बचने के लिए एक कलयुगी मां ने बेटे को जन्म देने के बाद गन्ने के खेत में फेंक दिया। इस गांव की रहने वाली महिला आसमा खातून ने बताया कि वह सुबह लगभग 9 बजे खेत के तरफ गई थी। इसी बीच उसने एक गन्ने के खेत में किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी। वह आवाज की दिशा में आगे बढ़ी तो देखा कि गन्ने के खेत मे नवजात पड़ा रो रहा था। वह एक हल्के से कपड़े में लिपटा हुआ था। आसमा ने बताया कि कड़ाके की ठंड में नवजात को खेत में पड़ा देख वह सिहर उठी, और फिर उसने बच्चे को उठाकर अपने कलेजे से लगा लिया। वह बच्चे को लेकर घर आ गयी। गन्ने के खेत में नवजात बालक के मिलने की सूचना पर उसके घर पर भीड़ जुट गयी। फिर इसकी सूचना खोंडारे थाने को दी गयी तो पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने महिला से जानकारी लेने के बाद इसकी सूचना चाइल्ड लाइन के अधिकारियों को दी और उनसे सहमति लेकर बच्चे को आसमा के सुपुर्द कर दिया।
महिला आसमा ने बताया कि उसके भाई मोहम्मद अहमद के पास कोई औलाद नहीं है। ऊपर वाले ने उसके भाई को औलाद दे दी। अब वह उस बच्चे का पालन पोषण करेंगे। वही पर इस घटना को लेकर लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे है। फिलहाल खोड़ारे पुलिस भी पूरे घटना की जाँच पड़ताल में जुटी है।