200 रुपए किलो तक पहुंची लहसुन की कीमत

लहसुन की आसमान छूती कीमतें आपका बजट बेशक बिगाड़ रही हैं मगर इसे उगाने वाले किसान इस साल मालामाल हो गए हैं। पिछले साल लहसुन के दाम इतने गिर गए थे कि मायुस किसानों को फसल सड़कों पर फेंकनी पड़ गई थी मगर इस बार 200 रुपये किलोग्राम तक भाव मिलने से उनके सारे गिले-शिकवे दूर हो गए। मंडियों में आवक कम होने के कारण इस बार लहसुन चढ़ गया है और निर्यात मांग बढ़ने के कारण भी भाव में तेजी आई है।

सबसे ज्यादा लहसुन मध्य प्रदेश में होता है और देश में कुल लहसुन उत्पादन में आधा योगदान इसी राज्य का है। वहां के लहसुन किसान सुनील पाटीदार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल ज्यादातर किसानों को 20 से 30 रुपये के किलो पर लहसुन बेचना पड़ा था। उपज का कुछ हिस्सा तो 5 रुपये किलो तक बिका था, जिसकी वजह से किसानों को बहुत घाटा हुआ। मगर इस बार किसानों को लहसुन की खेती से बढ़िया कमाई हुई है।

सीजन के शुरुआती महीनों में ही किसानों का लहसुन 70 रुपये किलो बिका था। इस महीने 150 से 200 रुपये किलो कीमत मिल रही है। मध्य प्रदेश की मंदसौर मंडी में इस महीने लहसुन की अधिकतम कीमत 260 रुपये और न्यूनतम कीमत 50 रुपये किलो दर्ज की गई। पिछले साल दिसंबर में लहसुन का अधिकतम थोक भाव 95 रुपये था और 3 रुपये किलो तक गिर गया था। उस समय लहसुन की मॉडल कीमत (ज्यादातर बिक्री इसी भाव पर होती है होती है) 12 से 15 रुपये प्रति किलो रही। इस साल दिसंबर में ज्यादातर समय मॉडल कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलो के बीच रही।

दिल्ली में आजादपुर मंडी के लहसुन कारोबारी नवनीत सिंह बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल लहसुन 3 गुना से भी ज्यादा दाम पर बिक रहा है। इसकी असली वजह आवक में भारी कमी है। मंडियों में आम तौर पर इस समय 20,000 से 25,000 कट्टा (1 कट्टे में 40 किलो) लहसुन रहता है मगर इस समय इसका स्टॉक केवल 8,000 से 10,000 कट्टा है।

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