कानपुर में बढ़ रहा वायरल संक्रमण, वायरस उतर रहा फेफड़ों में…

मौसम के उतार-चढ़ाव से वायरल संक्रमण तेज हो गया है। वायरल संक्रमित रोगियों के जुकाम, खांसी और बुखार के बाद निमोनिया हो जा रहा है। सांस तंत्र के पुराने रोगियों के संक्रमण होने पर हालत गंभीर हो रही है। इसके साथ ही बच्चों में वायरल डायरिया बढ़ गया है। रविवार को निमोनिया से चार रोगियों की मौत हो गई। चेस्ट हॉस्पिटल की इमरजेंसी में औसत 10 रोगी प्रतिदिन भर्ती हो रहे हैं। अस्पताल का आईसीयू फुल है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सांस रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संजय वर्मा का कहना है कि बदलते मौसम में सांस के रोगियों को दिक्कत बढ़ जा रही है। रोगी अस्पताल में आ रहे हैं। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश वर्मा ने बताया कि ओपीडी में 433 रोगियों ने जांच कराई। 43 रोगियों ने इमरजेंसी में स्वास्थ्य परीक्षण कराया। 25 रोगियों में हार्ट अटैक की पुष्टि हुई है। रोगियों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा है।
इसके अलावा हैलट इमरजेंसी में 32 रोगियों को भर्ती किया गया। इनमें ब्रेन स्ट्रोक के छह रोगी भर्ती हुए हैं। इसके अलावा डायरिया के बाद रोगियों की हालत बिगड़ गई। रोगियों के गुर्दों पर असर आया है। वायरल संक्रमण से निमोनिया की चपेट में आए रोगी कमलेश (49) की कल्याणपुर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। इसी तरह फजलगंज के रहने वाले राजकुमार (58) की निमोनिया से मौत हुई।

निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया था लेकिन वहां वेंटिलेटर की जरूरत बताकर हैलट रेफर कर दिया गया था। चौबेपुर के बृजमोहन (50) को वायरल संक्रमण होने के बाद निमोनिया हो गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र से चेस्ट हॉस्पिटल भेजा गया लेकिन मौत हो गई। चकेरी की कमलावती (55) की निमोनिया से लालबंगला के निजी अस्पताल में मौत हुई। परिजनों ने बताया कि जुकाम-खांसी के बाद हालत बिगड़ गई थी।

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