डॉक्टरो ने किया बड़ा खुलासा, कोरोना वायरस फेफड़ों को बना देता है…
अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में लंबे समय से कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए काम करने वाले डॉ. अमित पटेल का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे ज्यादा फेफड़ों पर असर करता है. जब इंफेक्शन बढ़ जाता है तो सॉफ्ट रहने वाले फेफड़े पत्थर की तरह स्ट्रांग हो जाते हैं.
डॉक्टर के मुताबिक फाइब्रोसिस तो टीबी और निमोनिया में भी होता है, लेकिन फेफड़े में वह ऊपर और नीचे के भाग में ही होता है. कोरोना में इसका गहन असर दिखाई देता है. पूरे फेफड़े में फाइब्रोसिस हो जाता है, जो फेफड़े को काफी डैमेज कर देते हैं.
सिम्स अस्पताल की ही डॉक्टर सुरभि के मुताबिक रोग प्रतिरोधक शक्ति जब सक्रिय होती है तो पहला प्रभाव फेफड़े पर होता है. वायरस का बुरा प्रभाव तथा टिश्यू रिपेयर करने हेतु प्रतिक्रिया के कारण फेफड़े की महीन नलियों में द्रव्य भर जाता है, जो बाद में जम जाता है. इससे फेफड़ा धीरे-धीरे सख्त होता जाता है.
सिम्स अस्पताल की ही डॉक्टर सुरभि के मुताबिक रोग प्रतिरोधक शक्ति जब सक्रिय होती है तो पहला प्रभाव फेफड़े पर होता है. वायरस का बुरा प्रभाव तथा टिश्यू रिपेयर करने हेतु प्रतिक्रिया के कारण फेफड़े की महीन नलियों में द्रव्य भर जाता है, जो बाद में जम जाता है. इससे फेफड़ा धीरे-धीरे सख्त होता जाता है.