कोरोना: UP के बाद अब इस राज्य के बच्चे बिना परीक्षा दिए होंगे पास, पढ़ें पूरी रिपोर्ट…
कोरोना वायरस के चले महाराष्ट्र में क्लास एक से आठवीं तक की सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है, सभी छात्रों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में भेज दिया जाएगा। यह जानकारी महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने दी है। आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आठवीं तक की परीक्षाओं को निरस्त करते हुए सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के ही प्रोन्नत करने के आदेश जारी किया था।
उन्होंने बताया है कि कक्षा 9वीं और 11 वीं के लिए परीक्षाएं 15 अप्रैल 2020 के बाद कराई जाएंगी। कक्षा 10 वीं शिक्षकों को छोड़कर सभी टीचर्स घर से काम कर सकते हैं। 10 वीं क्लास के दो पेपर्स बचे हैं और यह तय समय पर होंगे। ये निर्णय एसएससी बोर्ड ही लेगा।
Maharashtra Education Minister, Varsha Gaikwad: Exams for class 9th & 11th will be conducted after 15th April, 2020. Teachers, except the ones for class 10th, can work from home. 2 papers of class 10th are left. It’ll take place as per schedule. These decisions are for SSC Board. https://t.co/KmgKDZrVEJ
— ANI (@ANI) March 20, 2020
मुंबई, पुणे में कार्य स्थल 31 मार्च तक बंद रहेंगे : ठाकरे
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई और पुणे समेत महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में सभी कार्यस्थल 31 मार्च तक बंद रहेंगे। ठाकरे ने पत्रकारों ने कहा कि यह बंद मुंबई, मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र, पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और नागपुर में लागू होगा। उन्होंने बताया कि सरकारी कार्यालय में 25 प्रतिशत उपस्थिति रहेगी।
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महाराष्ट्र में अभी तक कोरोना वायरस के 52 मामले सामने आए हैं और इस सप्ताह मुंबई में एक मरीज की मौत हो गई। ठाकरे ने कहा कि अधिकांश मरीज इन शहरों से हैं और उन्होंने विदेश की यात्रा की थी। टेलीविजन पर दिए संबोधन में ठाकरे ने कहा कि केवल अनिवार्य सेवाएं खुली रहेंगी जिसमें भोजन, दूध और दवाइयां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बैंक खुले रहेंगे। सरकारी कार्यालय में उपस्थिति को बारी-बारी से मौजूदा 50 फीसदी से 25 फीसदी तक किया जाएगा। पहले 50 फीसदी हाजिरी की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री ने मुंबई में सार्वजनिक परिवहन के बंद होने से इनकार किया।
उन्होंने कहा, ”ट्रेन और बसें शहर की जीवनरेखा है और उन्हें रोका नहीं जा सकता। मुझे यह कदम उठाने की सलाह दी गई। लेकिन ऐसा करने से उन कार्यस्थलों पर आवाजाही प्रभावित होगी जो शहर को आवश्यक सेवाएं मुहैया कराते हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने घरों में रहने की उनके अनुरोध को माना है और ट्रेनों तथा बसों में पहले की तरह भीड़ नहीं है।
ठाकरे ने कहा, ”मैं नियोक्ताओं से यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि बंद की इस अवधि के दौरान उनके कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि केवल मानवता ही सभी मुश्किलों से जीतेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक युद्ध इतना है कि लोगों को जीने के लिए घरों में रहना होगा।