जम्मू और देहरादून से भी ठंडा कानपुर, आठ साल की सबसे सर्द रात…

बर्फीली हवाओं के असर से कानपुर का तापमान जम्मू और देहरादून से भी नीचे चला गया। रविवार को इस मौसम की सबसे ठंडी रात में शहरी ठिठुरते रहे। पहली बार रात का पारा छह डिग्री के नीचे 5.7 डिग्री दर्ज किया गया। यह आठ वर्षों में सबसे ठंडा 17 दिसंबर भी रहा। इसी तरह दिन में भी पारा दो डिग्री लुढ़ककर 22.8 डिग्री पर आ गया। अगले पांच दिनों तक इसी तरह की ठंड बनी रहने की संभावना है।

सीएसए के मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार महानगर में देहरादून और जम्मू जैसे पर्वतीय क्षेत्रों से भी कम तापमान दर्ज हुआ। देहरादून में न्यूनतम पारा छह डिग्री और जम्मू-कश्मीर में सात डिग्री सेल्सियस रहा। डॉ. पांडेय के अनुसार देहरादून, जम्मू-कश्मीर जैसे पर्वतीय क्षेत्र तलहटी में बसे होने की वजह से बर्फीली हवाएं वहां आसानी से नहीं पहुंच पाती हैं। वहीं मैदानी क्षेत्रों में इन हवाओं का असर ज्यादा पड़ता है।
न्यूनतम तापमान में चार डिग्री से ज्यादा की कमी
इसी वजह से मैदानी क्षेत्रों में तापमान ज्यादा तेजी से नीचे जा रहा है। महानगर में भी पिछले एक सप्ताह में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री से ज्यादा की कमी आई है। अब दिन में हल्के बादल होने की वजह से अधिकतम तापमान भी अब नीचे जाने लगा है। अगले पांच दिनों में यह और भी नीचे जा सकता है। इस बीच हवा में अधिकतम नमी की मात्रा 94 और न्यूनतम मात्रा 32 प्रतिशत रही। इसके अलावा महानगर में प्रदूषण की औसत मात्रा 147 एक्यूआई रिकार्ड की गई है।

पिछले वर्षों में 17 दिसंबर को न्यूनतम तापमान
2023- 5.7
2022- 6.2
2021-13
2020- 8.4
2019-11.4
2018- 6.3
2017- 7.8
2016- 6.2
2015- 1.8

गेहूं बुआई के 25 दिन बाद करें सिंचाई

बदलते मौसम को देखते हुए सीएसए ने किसानों को गेहूं की बुआई के 20 से 25 दिन के भीतर हल्की सिंचाई जरूर करने का सुझाव दिया है। इसी तरह सरसों की फसलों की सिंचाई 30 से 35 दिन बाद करने को कहा गया है।

हार्ट अटैक, ब्रेन अटैक के रोगी हुए दोगुना

हार्ट अटैक रोगी (कार्डियोलॉजी)
-पहले प्रतिदिन औसत 25 रोगी।
-ठंड बढ़ने के बाद औसत 52 रोगी।
ब्रेन अटैक रोगी (हैलट इमरजेंसी)
-पहले प्रतिदिन औसत पांच रोगी।
-ठंड बढ़ने के बाद औसत 11 रोगी।

बरतें सावधानी (डॉ. बीपी प्रियदर्शी, नोडल संचारी रोग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज)
गर्म कमरे से अचानक बाहर सर्दी में न निकलें।
बीपी बढ़ा हुआ तो दवा की खुराक दुरुस्त कराएं।
हल्की गर्मी लगे तब भी एक जैकेट पहने रहें।
खानपान में एहतियात रखें, देर रात की पार्टियों से बचें।
गरिष्ठ भोजन न करें, सादा और पौष्टिक भोजन लें।

जाड़े में वायु प्रदूषण भी बढ़ता है। ठंड की बीमारियां भी बढ़ने लगती हैं। ब्लडप्रेशर के रोगी, उम्र दराज लोग खासतौर पर एहतियात बरतें। बीपी बढ़ने से खून का थक्का जम जाता है जिससे ब्रेन अटैक या हार्ट अटैक का खतरा रहता है। संक्रमण से कोल्ड डायरिया हो सकता है। ठंड से बच्चे, बुजुर्ग और पुराने रोगी विशेष रूप से बचाव करें। -डॉ. आलोक रंजन, सीएमओ कानपुर नगर

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