उपभोक्ता मंत्रालय ने सॉफ्टवेयर किया लॉन्च, अब ऐसे आस पास की वस्तुओं की कीमत सीधे सरकार को बताएं,

अब आम लोग भी अपने इलाके में खाने पीने के दाम के बारे में सीधे सरकार को बता सकते हैं. जी हां, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय अब सीधे आम लोगों से उनके आस पास बिक रही आवश्यक चीजों के दाम जानना चाहता है. इसके लिए मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक सेवा शुरू की है.

वेबसाइट पर करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

कोई भी व्यक्ति या संगठन उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. इसके लिए https://consumeraffairs.nic.in/pmc/ पर जाकर एक बार रजिस्ट्रेशन करवा कर अपना आईडी और पासवर्ड लिया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद कोई भी अपने इलाके में आम ज़रूरत की 22 वस्तुओं की थोक या खुदरा कीमत रोज़ाना अपलोड कर सरकार को जानकारी दे सकता है. इस प्रक्रिया से सरकार के पास देश भर में इन आवश्यक वस्तुओं की कीमत का ज़्यादा सटीक आंकड़ा पहुंचने की संभावना है.

कौन कौन सी हैं ये 22 वस्तुएँ?

फिलहाल मंत्रालय का मूल्य निगरानी सेल (Price Monitoring Cell) खाने पीने से जुड़ी 22 आवश्यक वस्तुओं के थोक और खुदरा दाम का आंकड़ा रोज़ाना इकट्ठा करता है. निगरानी सेल ये काम देश भर में फैले अपने 101 केंद्रों के माध्यम से करता है. जिन 22 आवश्यक वस्तुओं का आंकड़ा इकट्ठा किया जाता है उनमें अनाज (चावल , गेंहू और आटा), दालें ( अरहर (तूर), चना, मसूर, उड़द और मूंग), खाद्य तेल (मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सूरजमुखी और पाम) ,सब्ज़ी (आलू, प्याज़ और टमाटर) और अन्य (चीनी, गुड़, दूध, चाय और नमक) शामिल हैं. इन आंकड़ों को इकट्ठा करने का मकसद देश भर में इन आवश्यक वस्तुओं की थोक और खुदरा कीमत पर निगरानी रखने के साथ साथ इन वस्तुओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करना है.

CJI पर अविश्वास नहीं जता सकते: सुप्रीम कोर्ट

इस व्यवस्था में बदलाव पर हो रहा था विचार

काफी समय से इस व्यवस्था में बदलाव लाने और इसे ज़्यादा व्यापक बनाने पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में विचार होता रहा है. मूल्य निगरानी के लिए बनी सचिवों की समिति ने भी लोगों से सीधे कीमत का आंकड़ा जुटाने की अनुशंसा की थी. उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंत्रालय के अधिकारियों को इस मामले में निर्देश जारी किए थे.

 
Back to top button