संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार पर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने विपक्ष को दी नसीहत…

देश की नई संसद बनकर तैयार है और पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। इस बीच कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, सपा, आरजेडी समेत देश के 20 विपक्षी दलों ने आयोजन के बहिष्कार का ऐलान किया है। वहीं 17 ऐसे दल हैं, जो इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे। कुल मिलाकर यह पूरा आयोजन एक राजनीतिक संघर्ष में तब्दील हो चुका है और विपक्ष एवं सत्तापक्ष के बीच खींचतान चल रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी को नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति को ना बुलाना उनका अपमान है। यह दलित और आदिवासी समुदाय का भी अपमान है, जिससे द्रौपदी मुर्मू आती हैं।

यह पूरा मसला राहुल गांधी के एक ट्वीट के बाद खड़ा हुआ था। हालांकि उनकी ही पार्टी के एक नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अलग राय जताई है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से संसद के उद्घाटन को सही करार दिया है। यही नहीं उन्होंने विपक्ष को नसीहत भी दी है कि आप नरेंद्र मोदी का विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इस तरह देश का ही विरोध नहीं करना चाहिए। प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘यह संसद भाजपा की नहीं है। देश की संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो फिर कौन करेगा। यदि भारत की संसद का उद्घाटन यहां का पीएम नहीं करेगा तो फिर क्या पाकिस्तान का पीएम करेगा।’

‘संसद देश की है, किसी एक पार्टी की नहीं होती ऐसी इमारत’

उन्होंने कहा कि संसद और राष्ट्रपति भवन जैसी इमारतें किसी एक दल की नहीं होतीं। हम यदि विपक्ष में हैं तो फिर सरकार की आलोचना करनी चाहिए, लेकिन ऐसे आयोजनों के विरोध का क्या मतलब है। कभी प्रियंका गांधी के करीबी कहे जाने वाले प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हमें मोदी का विरोध करना चाहिए, लेकिन देश का नहीं करना चाहिए। देश की संसद पूरे देश की है। यह भाजपा की नहीं है। मेरी तो अपील है कि विपक्ष ऐसे बायकॉट जैसे अभियान ना चलाए। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि विपक्ष को असदुद्दीन ओवैसी के रास्ते पर जाने से बचना चाहिए।

विपक्ष को नसीहत भी दी- मोदी का विरोध करें, देश का नहीं

प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हमें देश की परंपराओं को समझते हुए मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का ही विरोध करना तो ठीक नहीं है। विपक्ष से मेरी अपील है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। गौरतलब है कि प्रमोद कृष्णम बीते कुछ समय से कांग्रेस से अलग राय रखते दिखे हैं। वह सचिन पायलट के भी करीबी माने जाते हैं, जो इन दिनों राजस्थान में अशोक गहलोत के साथ सत्ता संघर्ष में व्यस्त हैं। हालांकि पायलट को हाईकमान से ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही है। माना जा रहा है कि इसी के चलते प्रमोद कृष्णम भी पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे हैं।

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