उत्तराखंड से दिल्ली के लिए संचालित 194 बीएस-3 व 4 बसों का संचालन ठप
उत्तराखंड से दिल्ली के लिए संचालित होने वाली परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की 194 बसों का संचालन ठप हो गया है। दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की पॉलिसी लागू होने के बाद से इन बसों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाई है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ने के साथ ही परिवहन निगम को भी लाखों रुपये का नुकसान होगा।
उत्तराखंड परिवहन निगम के हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, रुद्रपुर, काशीपुर, काठगोदाम, टनकपुर और ग्रामीण डिपो समेत अन्य कई डिपो से दिल्ली के लिए 504 बसों का संचालन किया जाता है। इनमें से 194 बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन पूरी तरह बंद हो गया है। इन बसों का संचालन दिल्ली सरकार की ओर से लागू की गई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की पॉलिसी के बाद रोका गया है।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली सरकार ने पहले एक अक्तूबर बीएस-3 और बीएस-4 बसों के संचालन की अनुमति दी थी। बाद में इसे बढ़ाकर वर्ष 2025 मार्च तक कर दिया गया था। लेकिन नवंबर के बीच में ही दिल्ली सरकार की ओर से परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 बसों के संचालन पर रोक लगाने से निगम को बड़ा झटका लगा है।
शनिवार को दिल्ली में निगम दो बसों के चालान
दिल्ली सरकार की ओर से बसों के संचालन पर रोक का आदेश जारी होने के बाद उत्तराखंड से यात्रियों को लेकर गई निगम की दो बसों का चालान काट गया है। इसमें एक ग्रामीण डिपो की बस शामिल है। जानकारी के मुताबिक कई बसों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है।
निगम की 194 बसों को अन्य रूटों पर लगाने की तैयारी
निगम के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के रूट पर संचालित बीएस-3 और बीएस-4 बसों को अब अन्य रूटों पर लगाया जाएगा। इसके लिए सभी डिपो के एजीएम को को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। वे आवश्यकता के अनुरूप बसों को रूटों पर आवंटित करेंगे। इसके लिए मुख्य तौर पर देहरादून से बरेली, मुरादाबाद, रुद्रपुर, चंडीगढ़, नोएडा, सहारनपुर और शिमला के लिए बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
यह है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की पॉलिशी
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) आपातकालीन उपायों का एक समूह है, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के एक्यूआई के एक निश्चित सीमा तक पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए लागू किया जाता है।
परिवहन निगम की दिल्ली के लिए संचालित 194 बीएस-3 और बीएस-4 बसों का रोक दिया गया है। ऐसे में यात्रियों की परेशानी न बढ़े इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। संचालन से बाहर हुईं बसों को अन्य रूटों पर भेजा जाएगा।
– पवन मेहरा, महाप्रबंधक संचालन, उत्तराखंड परिवहन निगम