सीएम योगी ने दिए निर्देश: मिशन मोड में हो राजस्व वादों का निस्तारण

सीएम योगी ने पैमाइश और भू-उपयोग परिर्वतन में देरी करने वाले डीएम समेत सभी अफसरों से जवाब-तलब के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व के मामलों को त्वरित तरीके से निपटाने की बात कही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों में राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की। इसमें मुख्यमंत्री ने संपूर्ण समाधान दिवस व थाना दिवस में आने वाले मामलों और आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन पर जनता से मिले फीडबैक के आधार पर रिपोर्ट जारी की। उन्होंने असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले शासन के सभी विभागों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, तहसीलों, रेंज और थानों से स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने पैमाइश, लैंडयूज और अकृषक भूमि घोषित किए जाने से जुड़े लंबित मामलों की जिलावार रिपोर्ट पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वादों के निस्तारण के लिए मिशन मोड में कार्यवाही की जाए। अधिकारी तय समय पर जनता से जरूर मिलें। प्रत्येक विभाग में जनसुनवाई को प्राथमिकता दी जाए। बैठक में सभी मंडलों व जिलों के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।

पैमाइश के मामलों की नियमित करें समीक्षा
योगी ने कहा कि नामातंरण, पैमाइश, भू उपयोग परिवर्तन और विरासत आदि आम आदमी से जुड़े मामले किसी भी दशा में लंबित नहीं रहने चाहिए। तय समय सीमा के भीतर इनका निस्तारण होना ही चाहिए। सभी जिलाधिकारी तहसीलों की और मंडलायुक्त अपने क्षेत्र के जिलों की नियमित समीक्षा करें। कहां, किस विभाग में आम आदमी के कितने आवेदन लंबित हैं और क्यों लंबित हैं। इसकी समीक्षा करें और जवाबदेही तय करें। गलत रिपोर्ट लगाने वाले कार्मिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि पैमाइश में देरी से हत्या की घटनाएं तक होती हैं। इसलिए देरी करने वाले अधिकारी भी दोषी माने जाएंगे।

किसानों-व्यापारियों से बनाएं संवाद, समस्याओं का करें निस्तारण
सीएम ने निर्देश दिए कि सभी नगरीय निकायों और प्राधिकरणों के पास स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप जाम की समस्या का समाधान होना चाहिए। किसान, व्यापारी, पटरी व्यवसायी और श्रमिक संगठनों से संवाद बनाएं। उनकी समस्याओं का ठीक से निस्तारण होना चाहिए।

सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त रहेगा महाकुंभ
सीएम ने कहा कि अगले वर्ष 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज महाकुंभ का पावन अवसर है। आस्था और श्रद्धा से जुड़ा यह पर्व शांति के साथ संपन्न हो, इसके लिए सभी को सहयोग करना होगा। इस बार के महाकुंभ को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त रखने की तैयारी है। इसके लिए जिला, तहसील व थाना स्तर पर लोगों को सभी आवश्यक जानकारियां दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयाग आने वाले श्रद्धालुओं को अवगत कराएं कि ट्रैक्टर-ट्रॉली से प्रयागराज न जाएं। 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रयागराज आने की संभावना है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग अयोध्या, विंध्यधाम, काशी और मथुरा का भी भ्रमण करेंगे। इस संभावना को देखते हुए संबंधित जिलों में आवश्यक तैयारियां समय से करनी चाहिए।

जरूरतमंदों तक पहुंचाएं कंबल
मुख्यमंत्री ने कहा कि ठंड का मौसम शुरू हो गया है। सभी जिलों को कंबल बांटने के लिए धनराशि भेजी जा चुकी है। सभी जिलों का प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि कंबल और रैन बसेरों का सदुपयोग हो। प्रदेश में कहीं भी कोई भूखा न सोए। सड़क किनारे न सोए। पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान अगर कहीं कोई सड़क किनारे सोता हुआ मिले तो उसे रैन बसेरे तक पहुंचाएं। रैन बसेरे में निवास करने वालों का सत्यापन भी किया जाना चाहिए।

5 करोड़ से ऊपर की परियोजनाओं की हो नियमित मॉनीटरिंग
सीएम ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए सभी जिलों को जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। 5 करोड़ से अधिक लागत वाली सभी परियोजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग के लिए जिलास्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाए। डीएम स्वयं इन परियोजनाओं का निरीक्षण करें।

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