सीएम नीतीश ने की पितृपक्ष मेला-2024 की तैयारियों की समीक्षा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया के विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने फल्गू नदी के किनारे आयोजित कार्यक्रम स्थल से विष्णुपव मंदिर तक वैकल्पिक पहुंच पथ तथा एकीकृत जलनिकासी कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया और नवनिर्मित पथ का निरीक्षण किया। सीधे विष्णुपद मंदिर को यह नवनिर्मित पथ मानपुर पुल से जोड़ता है। साथ ही यह पथ विष्णुपद मंदिर को सीधे एनएच-82 से जोड़ेगा, जिससे संकीर्ण मार्ग से घूमकर मंदिर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

इस पथ से सीताकुंड, गयाजी धाम, विष्णुपद मंदिर और एनएच-82 तक एक कॉरिडोर के रूप में दिखेगा। इससे आवागमन में श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से मनसरवा नाला पर घुघरी टांड़ मोड़ से फल्गू नदी तट तक बॉक्स नाला-सह-सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।एनएच-82 से विष्णुपद मंदिर के समीप तक पीसीसी पथ/नाला का निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर के समीप बंगाली आश्रम से एनएच-82 सुब्रत पथ का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य एवं एनएच-82 पथ केकिनारे एक तरफ वाहन पड़ाव एवं रैम्प निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने बह्मयोनि एवं प्रेतशीला पहाड़ी पर मृदा जल संरक्षण कार्य का भी शिलान्यास किया।

विभिन्न योजनाओं के उ‌द्घाटन एवं शिलान्यास के पश्चात मुख्यमंत्री ने गया समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पितृपक्ष मेला 2024 की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पितृपक्ष मेला-2024 की तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान पितृपक्ष मेला-2023 पर आधारित एक लघु फिल्म प्रस्तुत की गई जिसमें यहां पर पधारे श्रद्धालुओं ने पितृपक्ष मेले के इंतजाम की प्रशंसा की और अपने-अपने सुखद अनुभव साझा किए। पितृपक्ष मेले की बेहतर व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 17 सितंबर, 2024 से 02 अक्टूबर, 2024 तक निर्धारित है। सभी महत्वपूर्ण वेदियों एवं घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए अच्छी और सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। कार्य समितियों का गठन कर पदाधिकारियों को बेहतर व्यवस्था के संचालन की जिम्मेवारी दी गई है।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में श्रद्धाभाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गया की मोक्षभूमि आते हैं। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक एवं बेहतर तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि मैं इस बात को नहीं भूल सकता हूं कि बार मुझे एक महिला श्रद्धालु ने बताया था कि यहां पिंडदानियों को काफी दिक्कत होती है। जब से हमें काम करने का मौका मिला, हमने पिंडदानियों की सुविधाओं को लेकर कई काम किए। हर वर्ष पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लेने आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर प्रकार की सुविधाएं सुनिश्चित की जाती हैं। 

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