जेपी नड्डा से मिलेंगे सीएम मान: पंजाब को नहीं मिल रही डीएपी खाद

पंजाब में डीएपी खाद का संकट लगातार बरकरार है। पंजाब सरकार के कृषि विभाग ने केंद्र को कई बार चिट्ठी लिखकर इस बारे बता चुका है। वहीं अब प्रदेश में डीएपी खाद की आपूर्ति के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा के साथ मुलाकात करेंगे।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को डीएपी खाद का उसका हिस्सा नहीं मिल रहा है और केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। किसानों के हितों की रक्षा करना प्राथमिकता है और इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

दरअसल अब भी प्रदेश में ढाई से तीन लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है। प्रदेश में रबी के सीजन में 35 लाख हेक्टेयर पर गेहूं की फसल की बुआई के लिए 5.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद (फर्टिलाइजर) की जरूरत होती है। केंद्र ने पंजाब को 1 जुलाई तक सिर्फ डेढ़ लाख के करीब मीट्रिक टन डीएपी खाद ही उपलब्ध कराई है। ढाई से तीन लाख मीट्रिक टन खाद के कमी के कारण प्रदेश के कई जिलों में किसानों को खाद न मिलने के कारण संकट गहराता जा रहा है।

केंद्र सरकार देती है डीएपी खाद
प्रदेश में आलू और गेहूं की बुआई के लिए खाद जरूरी है। बीते दिनों सीएम मान ने भी खुद इस मामले में केंद्रीय मंत्री से फोन पर बातचीत की थी, यहां तक कि कृषि विभाग के विशेष मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार ही प्रदेशों को डीएपी खाद उपलब्ध कराती है। खेतीबाड़ी विभाग की मानें तो राज्य में इस बार 35 लाख हेक्टेयर रकबे पर गेहूं की बिजाई होनी होनी है। ऐसे में खाद की जरूरत है। हालांकि विभाग ने एक लाख मीट्रिक टन का भंडार रखा है, जबकि बाकी कुछ रैक आगामी दिनों में आने की उम्मीद है।

16 जिलों में घटिया खाद सप्लाई करने पर की गई थी कार्रवाई
प्रदेश के 16 जिलों में डीएपी खाद के सैंपल फेल होने के मामले में बीते दिनों कार्रवाई की गई थी। यह कार्रवाई प्रदेश के खेतीबाड़ी मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने की थी। घटिया सप्लाई करने वाली दोनों कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। खेतीबाड़ी विभाग ने प्रदेश के 16 जिलों में डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद के 40 सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे थे। इनमें से 24 सैंपल (60 प्रतिशत) फेल पाए गए थे। 10 जून को मोहाली, खरड़ और आसपास के एरिया में खाद के सात सैंपल लिए गए थे, उस समय सभी फेल पाए गए थे। मामला सामने आने के बाद खेतीबाड़ी मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पूरे प्रदेश में जांच के आदेश दिए थे।

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