सीएम डॉ. यादव ने 1100 औद्योगिक इकाइयों को 450 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता डीबीटी से प्रदान की
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) और अन्य उद्योगपतियों से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों को उजागर करते हुए कहा कि राज्य में उद्योग लगाने वाले निवेशक हमेशा लाभ में रहते हैं। उन्होंने 1100 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को 450 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता डीबीटी के माध्यम से पारदर्शी तरीके से हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सहित अन्य उद्योगपतियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने वाले निवेशक सदैव लाभ में रहे हैं। आप जैसे चाहें वैसे उद्योग लगाएं और मुनाफा कमाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 1100 से अधिक औद्योगिक इकाईयों को 450 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय प्रोत्साहन राशि पारदर्शी तरीके से डीबीटी से हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश असीम संभावनाओं का प्रदेश है। मध्यप्रदेश की देश में केन्द्रीय स्थिति इसे और भी अधिक विशेष बनाती है। म.प्र. के औद्योगिक विकास के लिए हमारी सरकार ने जो नई निवेश नीति बनाई है, वह देश में सबसे बेहतर है, सबसे अच्छी है। आप जितने चाहे उतने उद्योग लगाइए, सरकार हर पल, हर कदम पर आपके साथ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और भोपाल के निवेशक बेहिचक न केवल निवेश करें, बल्कि 24-25 फरवरी को भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की मेजबानी भी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर में मध्यप्रदेश का देश में 7वां स्थान है। यह प्रदेश का सबसे उभरता हुआ सेक्टर है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि प्रदेश में हर प्रकार के उत्पादों से जुड़े नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन किया जाएगा। साथ ही वर्तमान में चल रहे पुराने उद्योगों को भी जरूरी मदद मुहैया कराएंगे। पुराने उद्योगों को यदि आवश्यकता होगी, तो मांगे जाने पर उन्हें नवकरणीय ऊर्जा के जरिए विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के बजट की एक-एक राशि जनता के समग्र कल्याण और प्रदेश के औद्योगिक विकास में व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि हम नए वित्त वर्ष में सरकार के बजट को 4 लाख करोड़ रूपए तक लेकर जाने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई निवेश नीति में हमारी सरकार महिला उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान करने जा रही है।
उद्योगपतियों को मल्टी स्टोरी इंडस्ट्रियल परिसर तैयार करने में, तो सरकार एक निश्चित सीमा तक छूट देगी। हम इंडस्ट्रियल परिसर में आवासीय गुजाइंश को भी अनुमति योग्य करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि हमारी सरकार उद्योग ऋण पर ब्याज में समुचित सीमा तक छूट भी देगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने कहा कि मध्यप्रदेश के उत्पादों का अधिक से अधिक निर्यात हो, इसके लिए हमारी सरकार ने हर स्तर पर उद्योगपतियों और निवेशकों को प्रोत्साहन दिया है। मध्यप्रदेश से कच्चा माल और अपना निर्मित देश के किसी भी कोने में पहुंचाना आसान है, फिर भी प्रोत्साहन स्वरूप हमारी सरकार उद्योगों को माल भाड़े में 50 प्रतिशत से अधिक राशि का अनुदान दे रही है। नए उद्योगों का यहां हमेशा स्वागत है।
उन्होंने कहा कि पुराने उद्योगो को भी हम अतिरिक्त मदद देकर उनको और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रमुख सचिव औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भोपाल में हो रही जीआईएस की जानकारी देते हुए निवेशकों और उद्योगपतियों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि जीआईएस का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाएगा। प्रधानमंत्री जीआईएस के मंच से मध्यप्रदेश की सभी नवीन औद्योगिक, निवेश व अन्य नीतियों को डिजिटली लांच करेंगे। इसके समापन सत्र में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह उपस्थित रहेंगे। जीआईएस में 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि आएंगे।
मुख्यमंत्री ने की उद्योगपतियों से चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में मौजूद उद्योगपतियों से चर्चा की। इंडस्ट्री एसोसिएशन के राधाशरण गोस्वामी ने कहा कि पिछले एक साल में हमारा सरकार की नीतियों पर विश्वास बढ़ा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास दर 30 प्रतिशत की दर से बढ़ने वाली है, इससे प्रदेश में रोजगार बढ़ेंगे, समृद्धि आएगी। लघु उद्योग भारती के अतीत अग्रवाल ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से मध्यप्रदेश में अद्भुत और अकल्पनीय औद्योगिक वातावरण तैयार हुआ है। जीआईएस के बेहद सुखद परिणाम आने वाले हैं। गोविंदपुरा औद्योगिक प्रक्षेत्र संगठन के विक्रम गौर ने कहा कि सरकार ने जो नई निवेश नीति तैयार की है, वह सबके लिए लाभकारी है।
उन्होंने उद्योगपतियों के हित में इतनी अच्छी निवेश नीति तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक ऊर्जावान नेतृत्व की ऊर्जामय नीति है। डिक्की के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिरवैया ने कहा कि सरकार की नई निवेश नीति में प्रदेश के समेकित विकास की झलक दिखाई देती है। मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए सरकार के नवाचारी प्रयास नि:संदेह सराहनीय है। मावे और लघु उद्योग भारती की प्रतिनिधि रेणु नायक ने मुख्यमंत्री से महिला उद्यमियों के लिए और अधिक प्रोत्साहित करने वाले प्रावधान किए जाने तथा मल्टी स्टोरी इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जाने की मांग रखी। उन्होंने आशा जताई कि जीआईएस से प्रदेश के हित में बेहद पॉजिटिव रिजल्ट सामने आएंगे।