CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा मंजूर कर राज्यपाल को भेजा

नवजोत सिद्धू
आखिरकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू सिद्धू का इस्तीफा मंजूर कर ही लिया। उन्होंने इसे राज्यपाल बदनौर को भी भेज दिया है। दो दिन की कशमकश के बाद सीएम ने सिद्धू का इस्तीफा मंजूर किया। हालांकि उन्होंने सिद्धू को मनाने के लिए संदीप संधू को जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके।

गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने गत 14 जुलाई को कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने ट्वीट करके इस्तीफे की जानकारी दी थी। ट्विटर पर पोस्ट किए गए इस्तीफे पर दस जून की तारीख है, जो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को संबोधित किया गया है। इसमें लिखा है कि वह पंजाब कैबिनेट में मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी इस्तीफा भेजा।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह चंडीगढ़ जाकर सिद्धू के इस्तीफे को पढ़ेंगे और उसके बाद ही उस पर कोई फैसला लेंगे। लेकिन 17 जुलाई की शाम को मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटे और लेकिन सिद्धू के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं ले पाए। अगले दो दिन भी उन्होंने सोच विचार करने में निकाले। यही नहीं सिद्धू को मनाने की कोशिश भी करवाई, लेकिन वह नहीं माने।

ये है मामला

दरअसल, छह जून को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए सिद्धू से स्थानीय निकाय और पर्यटन विभाग लेकर उन्हें ऊर्जा और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय दिया था। इसके दो दिन बाद सीएम ने सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की नियमित समीक्षा के लिए कुछ ग्रुप बनाए। लेकिन किसी भी ग्रुप में सिद्धू को जगह नहीं दी गई। विभाग बदलने से नाराज सिद्धू ने अब तक अपना कार्यभार नहीं संभाला था।

उन्होंने नौ जून को नई दिल्ली में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात की। तब भी उन्होंने ट्वीट किया था कि कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र दिया है और हालात के बारे में जानकारी दी है। तब खबरें आईं कि राहुल ने अहमद पटेल को कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहा विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी दी है। पिछले दिनों दिल्ली गए कैप्टन ने अहमद पटेल से मुलाकात भी की थी। हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार मुलाकात ही बताया था।

सिद्धू पर लगातार यह दबाव बढ़ रहा था कि वह या तो कार्यभार संभालें या फिर इस्तीफा दें। विपक्षी दल तो हमले बोल ही रहे थे, सरकार के मंत्रियों ने भी कहना शुरू कर दिया था कि सिद्धू को अब कार्यभार संभालना चाहिए। सीएम को बिजली विभाग की बैठकें लेनी पड़ी थीं। आखिरकर सिद्धू ने राहुल से मुलाकात के अगले दिन दस जून को इस्तीफा लिखा और उसे 14 जुलाई को सार्वजनिक करते हुए पद छोड़ने का एलान कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button