CIC ने विदेश मंत्रालय को दिए निर्देश, बाताये पीएम मोदी के विदेशी दौरों पर कितना हुआ खर्च
मंत्रालय का कहना है कि आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी को एक जगह पर इकट्ठा करने के लिए बहुत से कर्मचारियों को लगाना पड़ेगा। अपने आदेश में माथुर ने कहा कि बकाया राशि का भुगतान करने के लिए अंततः इन बिलों और चालानों को संगठित करना होगा जोकि तर्कसंगत नहीं है। यह मामला कॉमोडोर लोकेश बत्रा (रिटायर्ड) से जुड़ा है। उन्होंने अपील दायर कर पीएम की साल 2013-17 में की गई विदेश यात्रा से संबंधित बिल, चालान और अन्य रिकॉर्ड मांगे हैं।
सुनवाई के दौरान बत्रा ने कहा कि मंत्रालय द्वारा हमें अधूरी जानकारी प्रदान की गई जिसकी वजह से उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि जनता को इस बारे में सूचित किया जाए कि यह बिल और देय रकम अदायगी के लिए किस सार्वजनिक प्राधिकार के पास लंबित हैं। बत्रा ने कहा कि इन रिकॉर्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में दबाया नहीं जा सकता। धन की कमी से जूझ रहे एयर इंडिया के 119 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को पीएमओ ने जनवरी 2017 में चुका दिया था। यह सभी बिल मोदी के कुछ विदेशी दौरों से संबंधित थे।