चीन ने अपनी सेना में शामिल किये हल्के टैंक, जारी की तस्वीरें

चीन ने भारत के साथ डोकलाम पर विवाद के दौरान अपने हल्के युद्ध टैंक का प्रदर्शन किया है। चीन ने पहली बार सेना ने एक सैन्य प्रदर्शनी में टैंक की तस्वीर प्रदर्शित की। चीन के सबसे बड़े निर्माता चीन नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कार्पोरेशन द्वारा विकसित किए गए इस हल्के टैंक का वजन 25 से 35 मीट्रिक टन तक है।चीन

जो पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी स्पीड के साथ चल सकता है। हथियारों के विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मुख्य हथियार एक 105 मिमी की बंदूक है जो गोला और मिसाइलों को दागने में सक्षम है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैंक का मुख्य कार्य बहुत कम तापमान पर पठारों पर लड़ना है। चीन के एक सरकारी दैनिक ने बताया कि तुलनात्मक रूप से, यूएस ‘एम 1 अब्राम्स और चीन के टाइप 99 ए जैसे एक मुख्य युद्धक टैंक का वजन 65 टन तक है। 

गौरतलब है कि जून के महीने में तिब्बत में PLA ने इसका ट्रायल किया था। PLA के प्रवक्ता कर्नल किआन ने इस हल्के टैंक पर कहा था, ‘ये ट्रायल केवल तिब्बत की जमीन पर इस बैटल टैंक की क्षमता जांचने के लिए किया जा रहा है। हमारे इस ट्रायल कोई और मकसद नहीं है। ना ही कोई और देश हमारे निशाने पर है। वहीं इस टैंक पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस टैंक में उच्चतर बैरल और 968 टैंक की तुलना में बेहतर रक्षा है।

इसे भी पढ़े: गलती से पाकिस्तान सीमा पार करने वाली भारतीय महिला को पाक सेना ने भारत को सौंपा

इसके साथ ही भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले टी -90 युद्धक टैंक से बेहतर होने का दावा किया है। PLA अकादमी ऑफ मिलिट्री साइंस के एक उपकरण शोधकर्ता डू वेनलॉन्ग ने कहा कि यह टैंक चीन के दक्षिणी क्षेत्रों और पठारों पर संचालित करने के लिए बनाया गया जिसका सीधा अर्थ तिब्बत के साथ भारतीय सीमा से जुड़ना है। उन्होंने कहा कि पठारों पर ऑक्सीजन की कमी का अर्थ है कि इसका इंजन बहुत शक्तिशाली होना चाहिए और सीमित मात्रा में ऑक्सीजन के साथ अच्छा काम कर सकता है। इसी तरह इसकी शक्ति, फायर कंट्रोल और गोला बारूद प्रणाली विशेष रूप से उच्च ऊंचाई के लिए तैयार की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button