यूएन में चीन ने पहली बार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ उठाया कदम, जानें क्या

लंबे समय से पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की का समर्थन करते आ रहे चीन ने आखिरकार अपना हाथ खींच लिया है। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी की लिस्ट में डाल दिया है। इससे पहले जब भी इसको लेकर प्रस्ताव पेश किया जाता था, चीन अड़ंगा लगा देता था। पहली बार उसने  पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। बता दें कि मक्की को अमेरिका पहले ही आतंकी घोषित कर दिया है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी उसे ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में शामिल कर लिया। 

बता दें कि बीते साल जून में भारत ने इसी बात को लेकर चीन को खूब सुनाया था। यूएन में जब मक्की के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था तब चीन ने अज्ञात कारणों से इसपर असहमति जता दी थी। 75 साल के मक्की का लश्कर में बड़ा पद था और भारत ने भी अपने देश के कानून के मुताबिक उसे आतंकवादी घोषित कर रखा है। यूएन ने अपने बयान में कहा, सेक्योरिटी काउंसिल की कमिटी प्रस्ताव संख्या 1267, 1989 औऱ 2253 को ध्यान में रखते हुए अलकायदा और अन्य आतंकी संगठनों से संबंध रखने के लिए चैप्टर 7 के  अंतरगत अब्दुल रहमान मक्की पर संपत्ति को फ्रीज करने, ट्रैवल बैन और अन्य प्रतिबंधों के साथ अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में शामिल करती है।’

जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों के पीछे मक्की का हाथ बताया जाता था। वह कश्मीर में युवाओं को भटकाने और टेरर फंडिंग में भी ऐक्टिव रहता था। मक्की 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है। 2020 में पाकिस्तान की अदालत ने मक्की को टेटर फंडिंग के मामले में ही जेल की सजा सुनाई थी। 

Back to top button