बच्चे को बनाना है संस्कारी तो पहले अपने व्यवहार में शामिल करें ये पांच चीजें

वो कहते हैं ना कि हर बच्चे का पहला स्कूल उसका घर ही होता है। बच्चा वही सीखता है, जो उसे घर में देखने को मिलता है। यही वजह है कि लोग अपने बच्चे के सामने काफी सोच-समझ के बोलते हैं। बच्चे के सामने कुछ काम करने से पहले भी कई बार सोचना पड़ता है। खासतौर पर बात करें बच्चे के माता-पिता की, तो हर बच्चा वो सब करता है, जो वो अपने माता-पिता को करते देखता है।

यही वजह है कि बड़े-बुजुर्ग ये सलाह देते हैं कि बच्चों के सामने माता-पिता को बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा अच्छी आदतें सीखे तो सबसे पहले अपने व्यवहार में कुछ चीजों को जरूर शामिल करें। जब आप अपने व्यवहार में कुछ अच्छी आदतों को शामिल कर लेंगे तो इससे आपका बच्चा भी वही आदतें सीखेगा और अच्छे संस्कारों के साथ ही बड़ा होगा।

रहें दयालु
अपने बच्चे के सामने कभी किसी से हावी न हों। बच्चों के सामने दूसरों पर दयालू रहें, ताकि आपके बच्चे में भी ये आदत आ सके। उन्हें सिखाएं कि अगर किसी से कोई गलती भी हो गई है तो उसे माफ करें। माफ करने वाला हमेशा बड़ा होता है। अपने बच्चे को लोगों की मदद करना भी सिखाएं।

शेयरिंग है जरूरी
अपने बच्चे के सामने परिवार के लोगों के साथ चीजों को शेयर करें, ताकि उन्हें भी शेयरिंग की आदत लगे। अगर आप ही ऐसा नहीं करेंगे, तो इससे उनके ऊपर भी खराब असर पड़ सकता है। ऐसे में अपने बच्चे को शेयरिंग जरूर सिखाएं, जिससे उन्हें स्कूल जाकर किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

भावनाओं को करें नियंत्रित
बच्चे को उनकी भावनाओं पर नियंत्रिण करना सिखाएं। इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि उन्हें हर चीज पर कंट्रोल करना सिखाएं। बस आपको अपने बच्चे को ये एहसास दिलाना है कि भावनाओं को प्रकट करने के लिए सही जगह देखना बेहद जरूरी होता है।

दूसरों की बात सुनें
बच्चे के सामने हमेशा दूसरों की बात अच्छे से सुनें, ताकि उसे भी ऐसा करने की आदत पड़े। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका बच्चा सिर्फ अपनी कहेगा लेकिन सुनेगा किसी की नहीं। ये आदत काफी खराब होती है। इससे उसे जिद की आदत लग सकती है।

दूसरों का आभार प्रकट करें
यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हर किसी से अच्छे से पेश आए तो उसके सामने लोगों का आभार जरूर प्रकट करें। अगर किसी ने आपके साथ कुछ अच्छा किया है तो बिना कुछ सोचे बच्चे के सामने उसे धन्यवाद कहें। ताकि बच्चे को भी ये ध्यान रहे कि उसे भी ऐसा करना है।

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