बच्चों को आलसी बना देती हैं माता-पिता की 4 आदतें

माता-पिता बच्चों की परवरिश के लिए काफी मेहनत और कोशिश करते हैं। वर्तमान में दी गई सीख और परवरिश बच्चों का भविष्य तय करती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को अच्छी आदतें सिखाने के लिए पेरेंट्स भी उन आदतों को फॉलो करें ताकि बच्चे उन्हें देख सीख सकें। हालांकि पेरेंट्स की कई आदतें बच्चों को आलसी बना सकती हैं। आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में।

अपने बच्चे का भविष्य बेहतर और खुशहाल बनाने के लिए हर माता-पिता अपनी पूरी कोशिश करते हैं। वर्तमान में की गई परवरिश बच्चे का भविष्य तय करती है। यही वजह है कि माता पिता का बच्चे के सम्पूर्ण विकास में सबसे ज्यादा योगदान होता है। बच्चे भी सबसे ज्यादा माता- पिता को ही देखते और सुनते हैं। इसलिए वह अपने पेरेंट्स की कॉपी करते हैं।

इसलिए बच्चे को डिसिप्लिन सिखाने से पहले पेरेंट्स को खुद डिसिप्लिन सीखना जरूरी हो जाता है। फिर भी अनजाने में कुछ पेरेंट्स की ऐसी आदतें होती हैं, जो उनके बच्चों को आलसी बना सकती हैं। आइए जानते हैं कि पेरेंट्स की कौन-सी आदतें बना सकती हैं बच्चे को आलसी-

बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उन्हें फोन पकड़ा देना
जब पेरेंट्स बच्चों की बदमाशी से तंग आ जाते हैं या फिर अगर वे कुछ काम करना चाहते हैं, तो बच्चों को व्यस्त रखने के लिए वे उन्हें फोन पकड़ा देते हैं। इससे बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होते हैं और आलसी होते हैं। इसलिए पेरेंट्स की इस गलती के कारण बच्चे और भी आलसी हो जाते हैं।

बच्चे के सभी काम कर देना
जब पेरेंट्स बच्चों के सभी काम करने में एक्स्ट्रा मदद करते हैं। बच्चे के कुछ भी करने से पहले ही उनके सारे काम कर के रख देते हैं। इससे बच्चे हर काम के लिए पेरेंट्स पर निर्भर हो जाते हैं और खुद से मेहनत करना जरूरी नहीं समझते हैं। पेरेंट्स की ये आदत बच्चे को आलसी और निर्भर बनाती हैं ।

बच्चे को लेबल करना
बच्चे को लेजी या निकम्मा जैसे नाम से लेबल करने से वे अपने दिमाग में यही इमेज बना लेते हैं कि वे आलसी हैं और फिर नहीं चाहते हुए भी इसी तरह बिहेव करने लगे हैं। इसलिए बच्चे को हमेशा प्रेरित करने वाले शब्दों से संबोधित करें।

खुद लेजी बन कर रहना
बच्चे पेरेंट्स को कॉपी करते हैं। ऐसे में अगर पेरेंट्स वर्कआउट करते हैं, तो बच्चे भी वर्कआउट करना कॉपी करने लगते हैं। वहीं, अगर पेरेंट्स खुद लेजी बन कर दिनभर बैठे रहते हैं, दिन भर मोबाइल और टीवी के सामने समय बर्बाद करते हैं, किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होते हैं, तो फिर ऐसे पेरेंट्स के बच्चे भी इनकी ही तरह आलसी होते जाते हैं।

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