मुख्यमंत्री भगवंत मान का केंद्र को पत्र, रखी ये मांग…

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) को चावल की डिलीवरी के लिए पर्याप्त जगह सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए केंद्रीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की ताकि राज्य खरीफ मार्कीटिंग सीजन 2024-25 के दौरान धान/चावल की खरीद सुचारू रूप से की जा सके।

केंद्रीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री को लिखे पत्र में भगवंत सिंह मान ने एफ.सी.आई. के पास आपूर्ति के लिए स्थान की कमी से संबंधित मुद्दा उठाया है। मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया कि एफ.सी. आई. के पास विशेष रूप से मई से अब तक गंभीर रूप से स्थान की कमी है, जिसके कारण राज्य के राइस मिलरों को केंद्रीय पूल में एफ. सी. आई. को खरीफ मार्कीटिंग सीजन 2023-24 के चावल की आपूर्ति करने में रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। इससे राज्य के राइस मिलरों में आगामी खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान स्थान की कमी को लेकर भी चिंता पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और राइस मिलरों के प्रयासों के बावजूद अब तक एफ.सी.आई. को कुल 98.35 प्रतिशत चावल की आपूर्ति की जा सकी है।

स्थान की कमी के कारण राज्य सरकार को पहले 31 जुलाई 2024 और फिर 31 अगस्त 2024 तक मिलिंग का समय बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा। स्थान की कमी के कारण खरीफ सीजन 2023- 24 के बाकी बचे चावलों के लिए केंद्र सरकार ने आपूर्ति की अवधि 30 सितम्बर 2024 तक बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है कि पहले बचे हुए चावल जल्द से जल्द एफ.सी.आई. को पहुंचाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी सीजन के दौरान 185-190 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होने की उम्मीद है, जिससे केंद्रीय पूल के लिए 120-125 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन होगा। अब तक राज्य में उपलब्ध कुल 171 लाख मीट्रिक टन की कवर्ड स्पेस की तुलना में लगभग 121 लाख मीट्रिक टन चावल और 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं कवर्ड गोदामों में स्टोर किया गया है और नई फसल के लिए कोई स्थान उपलब्ध नहीं है। भगवंत मान ने कहा कि 24 सितम्बर से 25 मार्च तक राज्य के कवर्ड गोदामों से प्रतिदिन चावल और गेहूं के कम से कम 25 रैक ले जाने चाहिए, ताकि चावल की आपूर्ति के लिए आवश्यक स्थान बनाया जा सके और राज्य में खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान/चावल की खरीद निर्विघ्न रूप से की जा सके।

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