हरियाणा में 100 करोड़ के घोटाले पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सख्त

हरियाणा में बहुचर्चित सहकारिता विभाग में हुए घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक्शन मोड में आ गए हैं, जिन्होंने स्वयं इस सारे मामले की कमान संभालते हुए विभाग के मंत्री डॉ बनवारी लाल को तलब कर लिया है। इस दौरान उन्होंने जहां मंत्री से लगभग 1 घंटे तक इस मामले में गहन पूछताछ की। 

बताया जा रहा है कि मंत्री द्वारा अपनी सफाई में कहा गया है कि उन्हें इस मामले की पहले बिल्कुल भी भनक नहीं थी। वहीं निजी सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है कि इसमें मंत्री के पारिवारिक सदस्य भी शामिल है। जानकारी के अनुसार सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया है कि  सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के अनुसार कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, उसके निशान निर्देश पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन अधिकारियों की बर्खास्तगी की फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी है।अपराध निरोधक शाखा के अनुसार  बताया जा रहा है कि यह घोटाला 100 करोड़ से बढ़कर लगभग 180 करोड़ के आसपास हो सकता है, जबकि घोटाला 2018 और 2021 के बीच का है जिसमें एकीकृत सहकारी विकास परियोजना का है। यह सारा खेल 2010 से 2011 से ही चल रहा है।  

अपराध निरोधक शाखा के अनुसार अधिकारी बार-बार अपने बयान बदलकर इस मामले में पैसा वापस मंगवाने की बात कह रहे हैं जबकि उन्होंने उनके पास इस मामले में पुख्ता सबूत है कि यह घोटाला इससे भी कहीं बड़ा हो सकता है। अपराध निरोधक शाखा के अनुसार अधिकारियों ने इस पैसे से फ्लैट व जमीन आदि खरीद ली, जबकि इस मामले को छुपाने के लिए फर्जी कागजात लगाकर खाना पूर्ति करने का कार्य किया गया। इसको लेकर आरोपियों के खिलाफ अंबाला में करनाल रेंज में विभिन्न धाराओं में 11 मामले भी दर्ज किए हैं। इस घोटाला में नोडल ऑफिसर नरेश गोयल को बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी जगह योगेश शर्मा को सहायक रजिस्ट्रार लगाया है। 

सारे घोटाला की मास्टरमाइंड है अनु शर्मा

बताया जा रहा है कि सारे घोटाला की मास्टरमाइंड अनु शर्मा शाही जीवन जीने की शौकीन है। उन्होंने सारा पैसा हवाला के जरिए दुबई ओर कनाडा में भेज दिया था, यही नहीं इस मामले के अन्य मास्टरमाइंड स्टालिन जीत सिंह व अनु शर्मा दोनों ही विदेश में सेटल होने की फिराक में थे। अपराध निरोधक शाखा ने उन दोनों को पहले ही धर लिया, यही नहीं इस मामले में 22 करोड़ की एफडी तक हड़प ली गई जिसमें चपरासी से लेकर जीएम स्तर के अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। अभी तक इस मामले में 6 राजपत्र अधिकारी चार अन्य अधिकारियों सहित चार निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

सहकारिता विभाग में हुए घोटाले को लेकर हरियाणा के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा है कि सबसे पहले उन्हें जब मामले में एक व्यक्ति की शिकायत मिली तो बड़ा एक्शन विभागीय जांच के बाद लिया गया। मीडिया सैकेट्री सीएम प्रवीण अत्रि ने भी कहा है कि जब सहकारिता मंत्री को यह जानकारी बॉबी ने लिखित शिकायत दी तो उन्होंने विभागीय जांच करवाई। बनवारी लाल ने कहा कि उन्हें पहले जो शिकायत मिली, वह सोसायटियों से सम्बंधित घोटालों की थी, जिसमें कुछ लोग निलंबित व स्थानांतरित किए गए। ए सी बी की कार्यवाही के बाद दो लोगों के प्रॉसिक्यूशन की परमिशन दी गई है।कईयों पर निलंबन व अन्य कार्यवाही चल रही है।

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