सस्ते कर्ज के लिए अभी करना पड़ेगा इंतजार, RBI ने नहीं घटाई ब्याज दर

बजट के बाद बुधवार को शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक की पहली मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक में आज ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. मौद्रिक नीति समि‍त‍ि ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. उसने रेपो रेट को 6 फीसदी पर ही बरकरार रखा है. वहीं, रिवर्स रेपोरे रेट को उसे 5.75 फीसदी पर रखा है.

यह लगातार तीसरी बार है, जब भारतीय रिजर्व  बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. विशेषज्ञ पहले इस चीज की संभावना जता चुके थे. दरअसल कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और बजट में इकोनॉमी को लेकर की गई कई घोषणाओं की वजह से यही तय माना जा रहा था कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करेगा.

मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने हालांकि बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था  और किसानों पर फोकस करने के कदम को सराहा है. उसने कहा है कि इससे ग्रामीण आय और निवेश को सहयोग मिलेगा.

महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान

आरबीआई ने महंगाई का अपना पिछले अनुमान को जरूर संशोध‍ित किया है. आरबीआई ने चौथी तिमाही के लिए महंगाई 5.1 फीसदी के करीब रहने का अनुमान लगाया है. इसके लिए खाद्य उत्पादों की बढ़ती कीमतें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों  को जिम्मेदार बताया जा रहा है.

खड़ी थी कई चुनौतियां

भारतीय र‍िजर्व बैंक के सामने ब्याज दरों में कटौती करने के दौरान कई चुनौतियां खड़ी थीं. इसमें कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतें भी शामिल हैं. इसके अलावा बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की घोषणा की है. इससे महंगाई बढ़ने का खतरा आरबीआई मौद्रिक समिति के सामने था.

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अर्थशास्त्र‍ियों का ये था अनुमान

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के 60 अर्थशास्त्र‍ियों के पोल में 58 ने यह संभावना जताई थी कि आरबीआई  इस बार भी रेपो रेट  में कटौती नहीं करेगा. उन्होंने कहा था कि आरबीआई रेपो रेट 6 फीसदी पर रखेगा और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी पर रख सकता है.

 

ज्यादातर विशेषज्ञों ने भी यह अनुमान जताया था कि ब्याज दरों में कटौती नहीं होगी. उनका कहना है कि बजट में राजकोषीय घाटे का अनुमान बढ़ाया गया है. इसका असर भी आरबीआई के नीतिगत फैसले पर दिखा है.

पहले भी नहीं घटाए गए रेट

इससे पहले दिसंबर और अक्टूबर में हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था. इस दौरान महंगाई और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया. इसे 6 फीसदी ही रखा गया.

जीएसटी को लेकर जताई थी नाखुशी

इसके अलावा समिति ने जीएसटी के क्रियान्वयन पर भी नाखुशी जताई थी. आरबीआई ने विकास दर के अपने पिछले अनुमान को भी घटा दिया. आरबीआई ने विकास दर के अनुमान को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया था. बजट के बाद हो रही इस बैठक में इस पर भी नजर रहेगी कि आरबीआई विकास दर के अनुमान में भी कोई  बदलाव करना है या नहीं.

अगस्त में घटे थे रेपो रेट

पिछले साल अगस्त में आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की थी. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में इस दौरान 0.25 फीसदी तक कटौती की थी. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6 फीसदी हो गया था.

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