चौथ का बरवाड़ा में है देश का एकमात्र चौथ माता मंदिर, करवा चौथ पर जानिये मंदिर का इतिहास
चौथ का बरवाड़ा स्थित चौथ माता का यह मंदिर पहाड़ियों पर करीब एक हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। आज करवा चौथ के अवसर पर चौथ माता के दरबार में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा, बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाओं ने जहां माता चौथ भवानी के दर्शन कर अपने पति की लंबी उम्र और घर में सुख-शांति की कामना की, वहीं कुंआरी कन्याओं ने माता से अच्छे वर की कामना की।
वैसे इस मंदिर को लेकर कई प्रकार की किंवदंतियां प्रचलित हैं, साथ ही मंदिर की स्थापना को लेकर भी लोगों के अलग-अलग मत हैं। अधिकतर लोगों का मानना है कि चौथ माता मंदिर की स्थापना 1451 में यहां के तत्कालीन शासक भीमसिंह द्वारा की गई थी और 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजल की छतरी तथा पहाड़ी की तलहटी में तालाब का निर्माण करवाया गया था।
सोलहवीं शताब्दी में यह कस्बा चौहान वंश से मुक्त होकर राठौड़ों के अधीन आ गया, इस वंश के शासकों में भी माता के प्रति गहरी आस्था थी। कहा जाता है कि राठौड़ वंश के शासक तेजसिंह राठौड़ ने 1671 में मुख्य मंदिर के दक्षिण हिस्से में एक तिबारा बनवाया था। हाड़ौती क्षेत्र के लोग कोई भी शुभ कार्य करने से पहले आज भी माता को निमंत्रण देने आते हैं।
प्रगाढ़ आस्था के कारण बूंदी राजघराने के समय से ही चौथ माता को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि चौथ माता मंदिर की स्थापना जयपुर राजघराने द्वारा कराई गई थी, जब राव माधोसिंह ने सवाई माधोपुर बसाया था, उसी दौरान यहां मंदिर भी बनवाया गया था क्योंकि राव माधोसिंह माता को कुलदेवी के रूप में पूजते थे।
कहा जाता है कि एक बार लड़ाई के दौरान मातेश्री नामक एक महिला के पति की मौत हो गई थी, इस पर महिला ने अपने पति के साथ सती होने की जिद की तो राव माधोसिंह ने सती प्रथा पर रोक लगाते हुए महिला को सती नहीं होने दिया गया। इस पर महिला ने माता के दरबार में गुहार लगाई कि या तो मुझे मौत दे दो या फिर मेरे पति को जीवनदान दो, इस पर माता ने महिला के पति को जीवनदान देकर जीवित किया। तभी से पूरे राजस्थान में महिलाएं चौथ का उपवास रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। राव माधोसिंह ने ही इस कस्बे को माली समाज के लोगों को गद्दी के रूप में भेंट किया था, तभी से यहां माली समाज द्वारा माता की पूजा की जाती है।
दिनोंदिन बढ़ती जा रही माता की आस्था के चलते स्थानीय लोगों ने यहां मंदिर ट्रस्ट बनाया है, जो मंदिर में आने वाले चढ़ावे का हिसाब रखता है। भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट द्वारा कटरा स्थित वैष्णोदेवी मंदिर की तर्ज पर माता के मंदिर तक एक हजार फीट लंबे और ऊंचाई वाले मार्ग को छायादार बनाया गया है। मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी ट्रस्ट द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में हर तरफ सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं, साथ ही सीसीटीवी कैमरों से मंदिर के कोने-कोने पर नजर रखी जा सकती है। मन्दिर पुजारी के मुताबिक आज करवा चौथ पर करीब दो से ढाई लाख श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए चौथ माता मंदिर पहुंचेंगे, जिनमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक होगी। आज सुबह से ही मन्दिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।