चमोली हिमस्खलन : हर तरफ बर्फ ही बर्फ… दिन ढलने के साथ पसर गई मायूसी, अभी बाकी है आस

माणा के पास हिमस्खलन क्षेत्र में दूसरे दिन सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाया। बर्फ में दबी कई जिंदगियों को सुरक्षित निकाला। मगर दिन ढलने के साथ ही फंसे पांच मजदूरों को निकालने की उम्मीदें भी धुंधली होती गई। अब रविवार को फिर रेस्क्यू अभियान चलेगा, उम्मीद की जा रही है कि पांच मजदूरों को भी सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। 

शुक्रवार सुबह छह बजे माणा के पास हिमस्खलन में 55 मजदूर दब गए। सेना और आईटीबीपी ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया। मौसम की विकट परिस्थिति में जवानों ने पहले दिन 33 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया। उसके बाद शनिवार सुबह फिर रेस्क्यू अभियान चलाया गया। 

पांच लापता मजदूर अभी तक नहीं मिल पाए
शनिवार को एनडीआरएफ की टीम भी अभियान में शामिल हुई। इसके साथ ही मजदूरों के सुरक्षित निकलने की उम्मीदें भी बढ़ती गई। जवानों ने बर्फ में दबे 17 अन्य मजदूरों को निकाला, हालांकि उनमें चार की मौत हो गई। जबकि पांच लापता मजदूर नहीं मिल पाए। 

फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की उम्मीद
जैसे-जैसे दिन ढलता गया जवान भी तेजी से हाथ चलाते रहे, इस आस से कि शाम होने से पहले कोई तो सुरक्षित मिल जाए, मजदूरों को तलाशते शाम हो गई, मगर उनका कुछ पता नहीं चला। अंधेरा होने और तापमान में गिरावट के चलते रेस्क्यू अभियान रोकना पड़ा। हालांकि सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, प्रशासन व आम लोगों को उम्मीद है कि फंसे मजदूरों को रविवार तक सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

हर तरफ बर्फ ही बर्फ, उसमें मजदूरों की तलाश करना बेहद चुनौतीपूर्ण 
यहां पिछले दो दिन भारी बर्फबारी हुई। सात से आठ फीट तक बर्फ जमी हुई है। चारों तरफ बर्फ के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा। जहां हिमस्खलन हुआ है वहां बर्फ और भी ज्यादा है। ऐसे में मजदूरों की सही लोकेशन तलाशना और उन्हें वहां से निकालना बड़ी चुनौती है। 

प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए ज्योतिर्मठ में स्थापित किया कंट्रोल रूम 
उपजिलाधिकारी ज्योतिर्मठ चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि घटना में प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए तहसील कार्यालय ज्योतिर्मठ में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस घटना के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो 7302712491, 8171748602 पर संपर्क कर सकते हैं।

संचार व्यवस्था क्यूडीए से की जा सकती है बहाल 
यूएसडीएमए के आपात परिचालन केंद्र में बैठक के दौरान बताया गया कि जिन ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी के कारण संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं, उसे वहां क्विक डिप्लायमेंट एंटीना (क्यूडीए) स्थापित कर बहाल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। एसडीआरएफ की आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि बर्फ के कारण अवरुद्ध मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। 

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