CBSE का बड़ा फैसला, अब बदल जाएगा कॉपियों की जांच का तरीका

बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों की जांच अब तकनीक के सहारे होगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर-पुस्तिकाओं के डिजिटल मूल्यांकन को लेकर अनुभवी एजेंसी के चयन को मंजूरी दे दी है।
बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक इस पहल का मकसद है कि परीक्षार्थियों की कॉपियों के मूल्यांकन में लगने वाला समय घटाया जा सके, साथ ही मूल्यांकन की सटीकता और पारदर्शिता भी बढ़ाई जा सके। अनुमान है कि करीब 28 करोड़ रुपये की इस व्यवस्था से छात्रों को समय पर उनका परिणाम मिल सकेगा।
सीबीएसई ने इससे पहले भी डिजिटल मूल्यांकन की दिशा में प्रयोग किए हैं। वर्ष 2014 में 10वीं और वर्ष 2015 में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में कुछ चुनिंदा विषयों की कॉपियों का ऑन-स्क्रीन मूल्यांकन किया गया था। हालांकि, उस समय इसे सीमित पैमाने पर ही लागू किया गया। अब बोर्ड का लक्ष्य है कि इस तकनीक को धीरे-धीरे सभी विषयों में लागू किया जाए, ताकि छात्रों को समय पर और त्रुटिरहित परिणाम मिल सकें।