ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने 20 राज्यों में 56 लोकेशन पर की छापेमारी

ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने शनिवार को 20 राज्यों में 56 लोकेशन पर छापेमारी की. केंद्रीय जांच एजेंसी के इस ऑपरेशन का कोड नेम मेघदूत था. CBI के मुताबिक कई ऐसे गैंग चिन्हित किए गए हैं, जो न केवल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के सम्बंधित सामग्री, बल्कि बच्चों को फिजिकली ब्लैकमेल कर उनका इस्तेमाल करते हैं. ये गैंग्स दोनों तरीके से काम करते हैं, समूह बनाकर और व्यक्तिगत तौर पर. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से बाल यौन शोषण सामग्री (CSEM) के कथित पोस्टिंग और प्रसार में शामिल व्यक्तियों के बारे में न्यूजीलैंड इंटरपोल की ओर से सिंगापुर को जानकारी शेयर की गई थी. सिंगापुर ने भारत को इस बारे में सूचित किया, जिसके बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है.

नवंबर 2021 में सीबीआई द्वारा इसी तरह का एक ‘ऑपरेशन कार्बन’ किया गया था, जब 83 लोगों के खिलाफ देश भर में 76 स्थानों पर छापे मारे गए थे और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई इंटरपोल की नोडल एजेंसी भी है, जिसके पास एक अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (ICSE) इमेज व वीडियो डेटाबेस है, जो सदस्य देशों के जांचकर्ताओं को बाल यौन शोषण के मामलों पर डेटा साझा करने की अनुमति देता है. भारत सहित 64 देशों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आईसीएसई ने डेटाबेस में मौजूद 2.3 मिलियन तस्वीरों और वीडियो से दुनिया भर में 10,752 अपराधियों की पहचान करने और 23,500  बच्चों को उनके चंगुल से बचाने में मदद की है.

इसमें ओपन नेटवर्क के जरिए डेटा साझा करने का प्रावधान है, जिसे सभी सदस्य देशों के साथ-साथ कुछ विशिष्ट देशों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है. सीबीआई ने ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से संबंधित मामलों की जांच के लिए 2019 से ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लाॅइटेशन प्रिवेंशन इंवेस्टिगेशन नाम से एक विशेष इकाई का भी गठन किया है. सीबीआई ने ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से संबंधित मामलों की जांच के लिए 2019 से ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लोइटेशन प्रिवेंशन/इंवेस्टिगेशन नाम से एक विशेष इकाई का भी गठन किया है. ऐसे अपराधों में विभिन्न सूचनाएं प्राप्त और एकत्रित करने के अलावा, सीबीआई की यह इकाई ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से संबंधित विभिन्न मामलों की जांच करती है. यह ईकाई ऑनलाइन बाल यौन शोषण के सक्रिय संगठित रैकेट के बारे में दूतावासों और विदेशी संघीय जांच एजेंसियों से प्राप्त सूचनाओं का भी मिलान और जांच करती है.

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