सीबीआइ कोर्ट ने 27 साल बाद बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधक को ठहराया दोषी

मुंबई में सीबीआइ की विशेष अदालत ने बैंक ऑफ बड़ौदा के एक प्रबंधक को दो अलग-अलग मामलों में दोषी करार देने के बाद सजा सुनाई है। बैंक को 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने के इन मामलों में आरोपपत्र 27 वर्ष पहले दाखिल कराया गया था।

श्रीधर जोशी के विरुद्ध दो मामलों में आरोपपत्र दाखिल

सीबीआइ ने 1996 में मुंबई की वाल्केश्वर रोड शाखा में पदस्थ तत्कालीन मुख्य प्रबंधक रामचंद्र श्रीधर जोशी के विरुद्ध दो मामलों में आरोपपत्र दाखिल कराया था। एजेंसी ने कहा कि धोखाधड़ी से बैंक का पैसा साजिशकर्ताओं को देकर प्रबंधक ने 10.50 करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने 1994 में जांच शुरू की थी। सुनवाई पूरी होने के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने रामचंद्र को पहले मामले में दो वर्ष जेल की सजा के साथ ही तीन लाख रुपये जुर्माना और दूसरे मामले में एक वर्ष जेल की सजा के साथ ही 1.37 लाख रुपये जुर्माना किया है।

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