पत्नी की मौत के लिए डॉक्टरों पर हो कार्रवाई, कोर्ट में याचिका खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी की मौत पर एक पति की याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि चिकित्सा सेवा से असंतुष्ट होना लापरवाही नहीं है।
हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की अपनी पत्नी की मौत के लिए डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि चिकित्सा लापरवाही केवल देखभाल के अपेक्षित मानक के प्रति असंतोष से स्थापित नहीं होती है।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा, डॉक्टरों को मरीज के परिवार की अपेक्षाओं या निर्धारित समय-सीमा से बाध्य नहीं होना चाहिए। न्यायाधीश ने कहा, यह याद रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि चिकित्सा लापरवाही केवल असंतोष या देखभाल के अपेक्षित मानक के दावे से स्थापित नहीं होती है। यह स्वीकार किया जाता है कि डॉक्टरों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी प्रैक्टिस में उचित स्तर की विशेषज्ञता और उचित परिश्रम का प्रयोग करें।
न्यायाधीश ने कहा कि चिकित्सा लापरवाही निर्धारित करने का उचित मानदंड यह आकलन करने में निहित है कि क्या डॉक्टर की कार्रवाई संबंधित क्षेत्र के एक उचित रूप से सक्षम चिकित्सक के स्वीकृत मानकों से नीचे है। इस व्यक्ति की पत्नी की 2016 में एक निजी अस्पताल के कुछ डॉक्टरों की कथित लापरवाही के कारण मृत्यु हो गई थी।
अदालत ने कहा कि हालांकि डॉक्टरों का दायित्व मरीज के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और सबसे उपयुक्त उपचार प्रदान करना है, लेकिन उन्हें मरीज के परिवार द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं या समय सीमाओं से बाध्य नहीं किया जाना चाहिए।