कार्डियोलॉजी में बनेगी 160 बेड की कार्डियक इमरजेंसी, प्रबंधन को 10 करोड़ की पहली किस्त मिली

कानपुर में एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में हृदय रोगियों के लिए और सुविधाएं बढ़ेंगी। इंस्टीट्यूट में 160 बेड की नई कार्डियक इमरजेंसी बनेगी। इससे इमरजेंसी में बेड की संख्या बढ़ जाएगी। अभी इमरजेंसी और सीसीयू मिलाकर सिर्फ 30 बेड हैं। शासन ने कार्डियक इमरजेंसी के लिए 10 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। इसके साथ ही दो सौ बेड के नए कार्डियोलॉजी ब्लॉक हॉस्पिटल को भी मंजूरी मिल गई और इसे कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है।

कार्डियक इमरजेंसी और कार्डियोलॉजी ब्लॉक मिलाकर 360 बेड बढ़ जाएंगे। इस वक्त कार्डियोलॉजी में कुल दो सौ बेड हैं। कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि कार्डियक इमरजेंसी, कार्डियोलॉजी ब्लॉक के बढ़ने पर कुल बेड की संख्या 560 हो जाएगी। इसके साथ ही इंस्टीट्यूट में इमरजेंसी सेवाएं उच्चीकृत हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि कार्डियक इमरजेंसी का नाम डेयर केयर इमरजेंसी वार्ड रखा गया है।

पहली 10 करोड़ रुपये की किस्त मिल गई है। अब जल्दी ही इसका कार्य शुरू हो जाएगा। कार्डियक इमरजेंसी वार्ड तीन तल का होगा। इसमें एक आईसीयू भी होगा। इसके साथ ही दो कैथ लैब और ऑपरेशन थिएटर होगा। इमरजेंसी में आने वाले रोगी को सारा इलाज यहीं मिल जाएगा। रोगी को कहीं और शिफ्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि कार्य की शुरुआत जल्द हो जाएगी, लेकिन पूरा भवन बनकर तैयार होने में दो-ढाई साल का समय लग सकता है।

नए कार्डियोलॉजी ब्लॉक हॉस्पिटल की पांच मंजिल होंगी
कैथ लैब में स्टेंट डालने और दूसरे उपचार हो सकेंगे। प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि दो सौ बेड के न्यू कार्डियोलॉजी ब्लॉक को भी मंजूरी मिल गई। इसे महानिदेशालय चिकित्सा शिक्षा की कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है। नए कार्डियोलॉजी ब्लॉक हॉस्पिटल की पांच मंजिल होंगी। दो मंजिलों में प्राइवेट वार्ड होंगे। इसकी एक मंजिल पर सर्जिकल आईसीयू होगा। इसके अलावा दो मंजिलों में जनरल वार्ड होंगे।

हाईब्रिड लैब का नया प्रस्ताव, कैथ लैब की संख्या अब तीन
कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट प्रबंधन ने हाईब्रिड लैब के लिए नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। नए प्रस्ताव में कैथ लैब की संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गई है। पुराने प्रस्ताव में एक कैथ लैब थी। निदेशक प्रोफेसर राकेश वर्मा ने बताया कि हाईब्रिड लैब से इलाज की सुविधाएं और बढ़ जाएंगी। इस लैब के बन जाने से हृदय प्रत्यारोपण की योजना को गति मिलेगी। हृदय प्रत्यारोपण के लिए हाईब्रिड लैब जरूरी होती है।

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