जल जाने पर आप भी लगाते हैं तेल, आटा या मक्‍खन? भूलकर भी न करें ऐसा!

किचन में खाना पकाते वक्‍त कई बार ऐसी स्थि‍त‍ि आती है क‍ि हाथ जल जाता है. चाहे तेल का छींटा आकर ग‍िर जाए या फ‍िर हाथ गर्म कड़ाही से छू जाए. ऐसे में काफी तेज जलन होती है और तुरंत दवा की जरूरत महसूस होती है. ज्‍यादातर लोग गुंथा हुआ आटा, मक्खन, तेल या फिर बर्फ लगा देते हैं ताक‍ि इससे कुछ राहत मिले. लेकिन ये घरेलू नुस्‍खे कितने कारगर हैं? क्‍या सच में इनसे फायदा होता है, या फ‍िर नुकसान? डॉक्‍टरों की राय सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. उनके मुताबिक, ऐसी चीजों से कई बार फायदा होने की बजाय नुकसान हो जाता है. इसल‍िए इन घरेलू नुस्‍खों से दूर ही रहें तो बेहतर. तो फ‍िर जल जाने पर करें क्‍या? आइए जानते हैं डॉक्‍टर ने क्‍या बताया.

सबसे पहली बात, अगर छोटी जगह पर जला हो तो सबसे पहले उस जगह को साधारण नल के पानी से तब तक धोएं, जब तक जलन क‍ि कम न हो जाए. अगर छाला बन गया हो तो इसे फोड़ने की कोश‍िश बिल्‍कुल भी न करें, कोई भी एंटी बायोटिक या एंटी सेप्‍ट‍िक क्रीम इस पर लगा दें. एक-दो दिनों में यह खुद ही ठीक हो जाएगा. ज्‍यादा जल गए हों तो लापरवाही करने की बजाय तुरंत सीधे डॉक्‍टर के पास जाएं. कोई कितना गंभीर जला है, इसे डिग्री में बांटा गया है. सिर्फ ऊपरी खाल जली हो तो उसे फर्स्‍ट डिग्री बर्न में रखा जाता है. इसमें त्‍वचा लाल हो जाएगी और सूजन दिखेगी. आमतौर पर यह कुछ ही दिनों में खुद ठीक हो जाएगा.

ज्‍यादा सूजन आए तो क्‍या करना चाह‍िए
सेकेंड डिग्री बर्न में ऊपरी त्‍वचा के साथ-साथ भीतरी त्‍वचा भी जल जाती है. इसे स्‍क‍िन लाल हो जाती है और फफोले बन जाते हैं. इन्‍हें ठीक होने में 2 से 3 हफ्ते भी लग सकते हैं. अगर सूजन ज्‍यादा है तो डॉक्‍टर के पास जरूर जाना चाह‍िए. डायचे वैले की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के डॉक्‍टर रफाएल श्टाउबाख कहते हैं क‍ि घाव जितना गहरा होगा, उसे ठीक करने में उतना ही ज्‍यादा समय लगेगा. ऐसा थर्ड डिग्री बर्न की स्‍थ‍ित‍ि में होता है. ऐसी स्‍थि‍त‍ि में तुरंत डॉक्‍टर के पास जाना चाहिए. क्‍यों‍कि इस स्‍थ‍िति में त्‍वचा का रंग बदल जाता है, वह सफेद, भूरे या काले रंग की हो जाती है. इससे रक्‍त संचरण बाध‍ित हो जाता है.

जले तो सबसे पहले क्‍या करें
कई लोग घर में गुंथा हुआ आटा, मक्खन, तेल या फिर बर्फ लगा देते हैं. डॉक्‍टर ने कहा, इससे बचें तो बेहतर है क्‍योंकि यह फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकता है. तेल-मक्‍खन गर्म जगह को और गर्म कर देगा, जबक‍ि उसे ठंडा करने की जरूरत होती है. गुंंथा हुआ आटा ठंडा तो करेगा लेकिन सिर्फ ऊपरी त्‍वचा तक. जहां पर घाव है, वहां तक नहीं पहुंच पाता. इसल‍िए सबसे पहले तो जलन वाली जगह को ठंडा करें. बर्फ वाला पानी नहीं, बल्‍क‍ि गुनगुना पानी इसके ल‍िए इस्‍तेमाल करें. गीले तौल‍िये से ही जले हुए हिस्‍से को गीला रख सकते हैं. इसके बाद तुरंत एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं.

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