क्या ऑफिस का टॉयलेट बन सकता है UTI की वजह? यहां जानें कैसे करें इससे बचाव

ऑफिस में या सफर करते समय हमें अक्सर पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता है। इन टॉयलेट्स में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जा रहा है, इस बारे में कुछ ठीक तरीके से कहा नहीं जा सकता है। इसलिए कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) हो सकता है (Workplace health tips) और कैसे इससे बचाव (UTI Prevention Tips) किया जा सकता है? आइए आपके इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

UTI क्या है?

यूटीआई एक आम इन्फेक्शन है, जो यूरिन ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के प्रवेश करने की वजह से होता है। यह महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा आम है। यूटीआई के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन, पेट में दर्द और बुखार शामिल हैं।

क्या कॉमन टॉयलेट से UTI हो सकता है?
इंडियन स्टाइल टॉयलेट सीट से UTI होने का खतरा कम रहता है, लेकिन वेस्टर्न स्टाइल सीट से इसका खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वेस्टर्न स्टाइल टॉयलेट में सीट शरीर के संपर्क में आता है। ऐसे में सतह पर लगे बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश कर सकते हैं और यूटीआई हो सकता है। हालांकि, सिर्फ टॉयलेट सीट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। और भी कई कारणों से यूटीआई हो सकता है, जैसे-
खराब हाइजीन- इंटिमेट एरिया को साफ न रखने से भी यूटीआई हो सकता है। यूरिन के बाद कई लोग टिश्यू पेपर से वाइप करते हैं। गलत तरीके से वाइप करने से बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में जा सकते हैं। पीछे से आगे की तरफ वाइप करने से एनस के आस-पास मौजूद बैक्टीरिया यूरिनरी टैक्ट तक पहुंच सकते हैं।
पेशाब रोकने से- लंबे समय तक पेशाब रोककर रखने से भी यूटीआई हो सकता है या अगर आप पूरी तरह अपना ब्लैडर खाली नहीं करते हैं, तो भी यूटीआई हो सकता है।
गंदे हाथ- अगर आपके हाथ गंदे हैं और उन हाथों से आप अपने इंटिमेट पार्ट्स को छू रहे हैं, तो भी यूटीआई का खतरा हो सकता है। साथ ही, इंटिमेट हाइजीन का ख्याल न रखने से भी UTI हो सकता है।
गंदा टॉयलेट सीट- वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त कई बार यूरिन की कुछ बूंदें सीट पर गिर जाती हैं, जिन्हें अगर साफ न किया जाए, तो उस टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाले दूसरे लोगों को भी यूटीआई हो सकता है।

यूटीआई से बचाव कैसे करें?
अगर आप पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतने से यूटीआई होने के खतरे को कम कर सकते हैं-

टॉयलेट सीट को साफ करें- टॉयलेट सीट पर बैठने से पहले टिश्यू पेपर या सीट कवर का इस्तेमाल करें।
हाथों को अच्छी तरह धोएं- टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद हमेशा साबुन और पानी से हाथ धोएं।
आगे से पीछे पोंछें- पेशाब करने के बाद हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें।
बहुत ज्यादा समय तक टॉयलेट में न बैठें- बहुत लंबे समय तक टॉयलेट में बैठने से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया प्रवेश करने का खतरा बढ़ सकता है।
भरपूर मात्रा में पानी पिएं- भरपूर मात्रा में पानी पीने से ब्लैडर को साफ रखने में मदद मिलती है।
ढीले कपड़े पहनें- तंग कपड़े पहनने से पसीना आता है और बैक्टीरिया पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
सेक्स के बाद पेशाब करें- सेक्स करने के बाद यूरिन करने से यूरिनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको यूटीआई के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए दवाएं दे सकते हैं, जिससे यह समस्या गंभीर रूप लेने से पहले ठीक हो सकती है।

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