CAA समथर्न करने पर शख्स पहुंचा अस्पताल…

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में अराजक तत्त हिंसा बंद करने का नाम  नहीं ले रहे। रविवार को कर्नाटक के शहर बेंगलुरु में सीएए के सर्मर्थन में आयोजित रैली से भाग लेकर लौट रहे शख्स पर जानलेवा हमला करने की हैरान करने वाली घटना सामने आई है। पीड़ित शख्स की पहचान वरुण के रूप में हुई है। 


बेंगुलुरु डीसीपी वेस्ट बी रमेश ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया रविवार को वरुण नागनिकता संशोधन कानून की समर्थन वाली रैली से लौट रहा था तभी कुछ अज्ञात हमलावरों ने उस पर धारदार हथियार से हमला बोल दिया। हमले में वरुण लहूलुहान हो गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने वरुण को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया है।

CAA क्या है?
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए नागरिकता कानून 1955 में किए गए संशोधन के साथ अब नया नागरिकता कानून है। इस कानून के तहत ही किसी विदेशी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता पाने के नियमों का उल्लेख है। इसी कानून के तहत ही कोई विदेशी नागरिक भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है। सीसीए में जो संशोधन किया गया है वह नागरिकता कानून 1955 की धारा -2, उपधारा (i) और क्लाज बी में कुछ बातें जोड़ी गई हैं। इनमें से महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कानून के बनने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बाग्लादेश के हिन्दू, सिख, ईसाई, बुद्ध, जैन और पारसी समुदाय के ऐसे लोग जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।

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सीएए कब पास हुआ ?

नागरिकता संशोधन कानून संसद में 11 दिसंबर 2019 को पास हुआ और 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप ले चुका है।

क्यों हो रहा सीएए का विरोध?

विरोधी दलों और एक समुदाय विशेष के लोग इस काननू का विरोध कर रहे हैं। उल लोगों की दलील है कि यह कानून संविधान की आत्मा के अनुरूप नहीं है। क्योंकि धर्म के आधार पर कानून बनाना उचित नहीं है। दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से शुरू हुआ विरोध देशभर के कई शहरों में हिंसक विरोध के रूप में सामने आया। इस विरोध में अब तक भारी जानमाल का नुकसान हुआ है। कुछ लोग इसे एनआरसी से जोड़कर इसका विरोध कर रहे हैं। जबकि एनआरसी सिर्फ अभी असम में ही लागू हुआ है।

यूपी में अब तक 5,000 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को बताया कि हिंसक घटनाओं में 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और राज्य भर में लगभग 5,000 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। 135 आपराधिक मामले अब तक दर्ज किए गए हैं और 288 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं जबकि 15 लोग हताहत हुए हैं।
 

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