पुनर्जन्म से जुड़ी इस खबर को पढ़कर आपको समझ में आ जाएगी जीवन की असली सच्चाई

मृत्यु दुनिया का सबसे बड़ा सत्य है और वो अटल है। जिसने भी दुनिया में जीवधारी बन कर जन्म लिया है, उसे एक न एक दिन इस दुनिया को छोड़ना ही है। पर एक सवाल जो हमेशा इंसानों के जहन में उठता है कि क्या हमें मरने के बाद का अनुभव होता है, और अगर होता है तो वो कैसा होता है। हालांकि यह अभी भी विज्ञान सहित कई लोगों के लिए एक रहस्य बना हुआ है।

कई मामले तो ऐसे भी सुनने में आते हैं कि लोग ऐसी दशा में भी अपने प्रियजनों से बात करने का दावा करते हैं। इस विषय को लेकर लोंगो की अलग अलग सोच सकती है, पर एक सवाल जो सबके मन में रहता है कि आखिर मृत्यु के बाद होता क्या है। आखिर तकनीकी रूप से पुनर्जन्म की हकीकत क्या है…. निजी तौर पर, मैं पुनर्जन्म में विश्वास करती हूं। 

तर्क और विश्वास:

तर्क हमेशा विज्ञान के साथ नहीं होता है या यह भी कह सकते हैं कि तर्क और विज्ञान के रास्ते अलग-अलग हैं, पर कभी कभी दोनो एक दूसरे के पूरक भी दिखते हैं। लेकिन यह तो तय है कि विज्ञान के पास इस क्यों का जवाब नहीं है। विज्ञान के पास बिना भौतिक या शरीर के अस्तित्व के कुछ कह पाना संभव नहीं है। 

इसका मतलब यह हुआ कि इंसान जो भी कार्य करता है, उसकी करनी का लेखा-जोखा तैयार होता रहता है और उसी के आधार पर उसे कर्म का प्रायश्चित करना पड़ता है। इस तर्क के पीछे की सच्चाई भले कुछ भी हो लेकिन इतना तो तय है, कम से कम किसी भी गलत कार्य को करने से पहले जवाबदेही का डर गलत रास्ते पर जाने से जरूर रोकता है। ईश्वर पर आस्था तो निर्विवाद है। 

धर्म क्या कहता है:

प्राचीन काल में लोग खानाबदोश का जीवन जी रहे थे। समय बीतने के साथ लोंगो में समझ और व्यवस्थित जीवन जीने के तौर तरीकों का विकास हुआ। वहीं आज के युग की तरह पहले विज्ञान नही था। विज्ञान के अभाव में कुदरती आपदाओं का सामना करने की कोई तकनीक मौजूद नही थी। उस समय मौसम परिवर्तन हो या प्राकृतिक आपदा को धर्म और ईश्वर से जोड़कर देखना शुरू किया। 

जन्म मरण के इस बधंन पर मनुष्य की आस्था जुड़ी हुई है, उस पर इस तरह की आलोचना करके उसे खत्म नही किया जा सकता है। आज हमारे विज्ञान ने भले ही कितनी ऊचाईयों को छू ली हों, पर वह इस रहस्य को आज भी नही खोज पाया है कि मरने के बाद आत्मा कहां जाती है।

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