बनारसी साड़ी खरीदते वक्त ध्यान में रखें 7 जरूरी बातें
साड़ी महिलाओं की ऑल टाइम फेवरेट ड्रेस रही है. यह एक ऐसा ट्रेडिशन परिधान है, जो किसी की भी सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करता है. वैसे तो साड़ियों की कई वेरायटी होती है और सभी साड़ियां अच्छी लगती हैं, लेकिन जब बात रॉयल साड़ी की आती है तो बनारसी साड़ी का नाम सबसे पहले आता है. बनारसी साड़ी काफी महंगी होती है और प्योर सिल्क की बनी होती है. इसे शुद्ध और शुभ साड़ी भी माना जाता है और यही वजह है शादियों में लड़कियों को बनारसी साड़ी तोहफे में दी जाती है. अगर आप पहली बार बनारसी साड़ी खरीद रही हैं तो कुछ बातों को जरूर ध्यान में रखें. तभी आप ओरिजनल बनारसी साड़ी खरीद पाएंगी.
बनारसी साड़ी खरीदते वक्त रखें इन बातों का ख्याल
सॉफ्टनेस करें चेक
बनारसी साड़ी प्योर सिल्क के कपड़ों से बनी होती है. ये काफी मुलायम और चमकीली होती हैं. जब भी बनारसी साड़ी खरीदें तो इसके किनारों की जांच करें. इन्हें छूने से पता चलेगा कि ये असली है या नकली.
पैटर्न करें चेक
बनारसी साड़ी का अपना एक खास पैटर्न डिजाइन होता है. इसे जरोक्का पैटर्न भी कहा जाता है. इसने ट्रेडिशनल इंडियन बूटे, पैसली आदि बने होते हैं. इसे बनाने के लिए असली सिल्क धागों को प्रयोग किया जाता है जबकि नकली साडि़यों में सस्ते धागे होते हैं.
मोटिफ्स करें चेक
असली बनारसी की साड़ी में मोटिफ्स भी खास होते हैं जो मुगलिया डिजाइन के होते हैं. इसमें अमरू, अंबी, डोमक आदि बने होते हैं, जो इन्हें खास बनाती है.
जरी होता है खास
बनारसी साड़ी के बुटीक और बॉर्डर पर इंट्रिकेट ज़री का काम किया जाता है. इसी जरी से साड़ी पर फूल पत्तियां बनी होती हैं. ये गोल्ड या सिल्वर कलर के होते हैं.
हैंडलूम से करें पहचान
असली बनारसी साड़ी हाथ से बने होते हैं जिससे इनके ताना बाना में कुछ धागों की गलतियां हो सकती हैं. जबकि मशीन पर बनी साडि़यों में परफेक्शन अधिक होता है.
सरकारी निशान करें चेक
जितनी भी प्योर सिल्क की बनारसी साडि़यां होती हैं उनके साथ जी आई यानी कि ज्योगरैफिकल इंडिकेशन टैग होते हैं. इन्हें देखकर आप पहचान सकते हैं कि ये सरकार से प्रमाणित प्रोडक्ट हैं.
अच्छी दुकान से लें
सस्ता खरीदने के चक्कर में ऐसी दुकान से ना खरीदें जिसका रेपुटेशन अच्छा ना हो.बेहतर होगा कि आप अच्छी दुकान से ही इन्हें खरीदें.