Budget2017 : मोदी सरकार ने उम्मीदों पर फेरा पानी

देहरादून। मोदी सरकार ने आचार संहिता के दौरान आम बजट 2017-18 पेश किया गया। इस दौरान उत्तराखंड को मोदी सरकार के काफी उम्मीदें थे। लेकिन जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिटारा खोला, तो यहां के लोगों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी।

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आम बजट 2017-18 ने नहीं हुआ कोई फायदा

आम बजट 2017-18 पर सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि छूट की सीमा सिर्फ 50 हजार बढ़ी है, जो बेहद कम है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से किसी को इसका फायदा नहीं होगा। क्योंकि अधिकांश कर्मचारियों का वार्षिक वेतन तीन लाख से ज्यादा ही बैठेगा।

ऐसे में आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये होनी चाहिए थी, तब जाकर इसका फायदा मिलता। बजट से ढेरों उम्मीदें थी, जो धराशायी हो गई हैं। ऐसी छूट का फायदा ही क्या, जिसका किसी को फायदा ही न मिले।

राज्य कर्मचारियों को नहीं मिला संतोष

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह के मुताबिक बजट संतोषजनक नहीं है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने से अधिकांश कर्मचारियों का वार्षिक वेतन तीन लाख से ज्यादा होगा। ऐसे में इस छूट का लाभ किसे मिलेगा।

राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के महासचिव रवि पचौरी ने कहा कि बजट में कर्मचारियों के लिए कुछ भी नहीं है। आयकर छूट की सीमा कम से कम पांच लाख होनी चाहिए थी। सभी कर्मचारी उम्मीद बांधे बैठे थे, लेकिन निराशा हाथ लगी।

टैक्स छूट के नाम पर औपचारिकता

सरकार ने बजट में आयकर छूट के नाम पर औपचारिकता पूरी की है। कर्मचारियों को इसका कोई फायदा नहीं होगा। उम्मीद थी कि सरकार कर्मचारियों के हित में सोचेगी।

चुनावी और संतुलित बजट कह सकते हैं। लेकिन कर्मचारियों तो खाली हाथ ही रहे। समझ नहीं आ रहा कि सरकार ने क्या सोचकर आयकर छूट में 50 हजार की बढ़ोत्तरी की। बता दें कि नोटबंदी के बाद बजट को लेकर लोगों को सरकार से काफी उम्मीदें थी। लेकिन सरकार ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

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