भाई दूज पर शोभन योग का हो रहा है निर्माण

ज्योतिष पंचांग के अनुसार, भाई बहन के रिश्ते का प्रतीक पर्व भाई दूज कल है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम देवता अपनी बहन यमुना के घर पहली बार पधारे थे। इस शुभ अवसर पर यमुना जी ने भाई यम देवता का भव्य स्वागत कर उन्हें भोजन कराया था। अतः भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु हेतु यम देवता से कामना करती हैं। साथ ही भाई के माथे पर टीका लगाती हैं और हाथ में रक्षा सूत्र बांधती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाई दूज पर दुर्लभ शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भाई के माथे पर टीका लगाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त, योग और पंचांग जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को 02 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 15 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। इस शुभ दिन पर भाई दूज के साथ-साथ गोवर्धन पूजा भी है।

शोभन योग

ज्योतिषियों की मानें तो भाई दूज पर दुर्लभ शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है। वहीं, भाई के माथे पर टीका लगाने और रक्षा सूत्र बांधने का समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 19 मिनट तक है। इस दौरान भाई दूज मना सकते हैं।

पंचांग

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 43 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 28 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 06 बजकर 02 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 57 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल – दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 04 बजकर 07 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 12 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 26 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

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