पंजाब में पैर पसार रहा ब्रेस्ट कैंसर, 10 वर्षों में 25 प्रतिशत बढ़ी मरने वालों की संख्या
पंजाब में 10 वर्षों में ब्रेस्ट कैंसर से जान गंवाने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह खुलासा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार अगर पंजाब में ब्रेस्ट कैंसर से महिलाओं की मौत की अनुमानित मौतों की बात की जाए तो वर्ष 2014 में ब्रेस्ट कैंसर से 1972 मौंतों हुई थी, लेकिन वर्ष 2023 में मौतों की संख्या बढ़कर 2480 हो गई है, जो चिंता का विषय है।
पिछले माह लोकसभा में भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री की ओर से इस संबंधित रिपोर्ट भी पेश की गई थी, जिसके अनुसार पिछले 10 वर्ष में हर साल इन मौतों में बढ़ोत्तरी हो रही है। पंजाब में वर्ष 2015 में ब्रेस्ट कैंसर से 2024 मौतों हुईं, जो 2016 में बढ़कर 2079 हो गई है। इसी तरह वर्ष 2017 में 2133, 2018 में 2189, 2019 में 2246, 2020 में 2303, 2021 में 2361, 2022 में 2421 और 2023 में मौतों की संख्या बढ़कर 2480 हो गई। इन आंकड़ों ने पंजाब के स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि कैंसर के अधिक मामले आने के चलते मालवा को पहले ही कैंसर बेल्ट कहा जा रहा था। अब रिपोर्ट के जरिए ब्रेस्ट कैंसर से मौतों के मामलों में बढ़ोत्तरी सामने आई है।
हर साल बढ़ते गए मौत के आंकड़े
वर्ष मौत
2014 1972
2015 2024
2016 2079
2017 2133
2018 2189
2019 2246
2020 2303
2021 2361
2022 2421
2023 2480
ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने के ये हैं प्रमुख कारण
खराब जीवनशैली, शारीरिक गतिविधि की कमी, जल्दी मासिक धर्म, फसलों में हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग, देरी से विवाह और महिलाओं में जागरुक्ता की कमी कुछ ऐसे कारक हैं, जो इस बीमारी को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश में महिलाएं नियमित रूप से जांच नहीं करवाती हैं।
इन लक्षणों को न करें अनदेखा
सीने में दर्द होना, सीने की चमड़ी में लाली आ जाना, स्तन के आसपास सूजन आना, खून बहना, स्तन के आकार में परिवर्तन होना ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं। अगर इनमें से महिलाओं को कोई लक्षण दिखता है तो उनको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
पंजाब की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने का प्रमुख कारण खराब जीवनशैली और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग है। साथ ही शराब के सेवन से भी कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए और अपनी खानपान की आदतों में भी सुधार करना चाहिए। -डॉ. एकावली गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ।