दोनों आंखों से अंधा लेकिन मेहनत में सबसे आगे! इस बैल की कहानी पढ़ आप भी नहीं रोक पाएंगे आंसू
किसान अपने खेतों में खेती के लिए बैलों का उपयोग करते हैं. खेती के लिए बैल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सोलापुर जिले के मोहोल तालुका के वालुज गांव में रहने वाले किसान इंद्रसेन मोटे के पास एक खास बैल है. यह बैल दोनों आंखों से अंधा है, लेकिन अपनी इस कमी के बावजूद, यह बैल खेत में हर काम बखूबी कर रहा है. इस बैल का नाम सोन्या बैल है. पिछले 15 वर्षों से इंद्रसेन मोटे इस अंधे सोन्या बैल की देखभाल कर रहे हैं. आखिर इस बैल के साथ क्या हुआ था? यह कैसे अंधा हो गया? इस बारे में इंद्रसेन मोटे ने लोकल 18 से बात करते हुए जानकारी दी.
सोन्या की आंखों की समस्या
सोन्या बैल पिछले 12 वर्षों से दोनों आंखों से अंधा है. इंद्रसेन मोटे ने बताया कि एक बार खेत में काम करते समय सोन्या की आंखों से पानी बहने लगा. तब उन्होंने गांव के पशु विशेषज्ञ डॉ. श्रीहरी शिंगारे को दिखाया. जांच में पता चला कि दोनों आंखों में मांस की वृद्धि हो गई है और ऑपरेशन करना पड़ेगा. यह सुनकर इंद्रसेन मोटे हैरान रह गए. लेकिन सोन्या के प्रति अपने प्यार के कारण उन्होंने ऑपरेशन करवाने का फैसला लिया. डॉ. शिंगारे और डॉ. सचिन मोटे ने सोन्या की दोनों आंखों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया.
आंखों के बिना भी खेत में मेहनत
भले ही सोन्या बैल दोनों आंखों से अंधा है, लेकिन वह आज भी खेत में हर काम करता है. इंद्रसेन मोटे का परिवार इसी बैल के काम पर निर्भर था. इसी से बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च चलता था. इंद्रसेन मोटे ने बताया कि सोन्या बैल को खेत में काम के लिए किराए पर भी दिया जाता है, जिससे परिवार की आर्थिक मदद होती है.
सोन्या का खेत में काम करना क्यों जरूरी?
सोन्या की दोनों आंखें फेल हो चुकी थीं, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि उसकी सेहत के लिए पसीना बहाना जरूरी है. यदि वह काम करेगा, तो उसकी सेहत बेहतर बनी रहेगी. हालांकि, अंधा होने के कारण उसके लिए खेत में काम करना आसान नहीं था, लेकिन इंद्रसेन ने उसे धीरे-धीरे चलना और काम करना सिखाया.