बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी लेकर ऋचा चड्ढा तक, हिजाब विवाद पर दी ऐसी प्रतिक्रिया

 इन दिनों देशभर में कर्नाटक के कॉलेज में ह‍िजाब को लेकर चल रहा विवाद काफी सुर्खियों में हैं। यह अब राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब के बजाय ड्रेस पहनकर आने के आदेश दिए गए। इसके बाद से यह विवाद हर दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं कॉलेज में हिजाब पहनने और न पहनने के लिए सभी अपनी राय दे रहे हैं। इसमें फिल्मी सितारे भी शामिल हैं।

बॉलीवुड के कई सितारों ने कर्नाटक हिजाब विवाद के पक्ष और विपक्ष में अपनी राय दे रहे हैं। भाजपा सांसद और बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं और वहां धार्मिक मामलों को नहीं लिया जाना चाहिए। हर स्कूल में एक यूनिफॉर्म होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। आप स्कूल के बाहर जो चाहें पहन सकते हैं।’

वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने सोशल मीडिया पर कर्नाटक के उन लड़कों पर गुस्सा जाहिर किया जो हिजाब पहनी अकेली लड़की के सामने नारेबाजी कर रहे थे। अभिनेत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अपने बेटों को बेहतर तरीके से बड़ा करें! गंदे, कायरों का एक झुंड एक अकेली महिला पर एक साथ हमला करता है और उस पर गर्व महसूस करता है? क्या शर्मनाक है, वे कुछ सालों में बेरोजगार, अधिक निराश और दरिद्र हो जाएंगे। क्या खराब परवरिश! उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं, कोई मोचन नहीं। मैं तुम पर थूकती हूं’।

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वहीं वह साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता कमल हासन ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कर्नाटक में जो हो रहा है वह अशांति फैला रहा है। झूठ नहीं बोलने वाले छात्रों के बीच धार्मिक जहर की दीवार खड़ी की जा रही है। एक दीवार के आगे पड़ोसी राज्य में जो हो रहा है वह तमिलनाडु में नहीं आना चाहिए। प्रगतिशील ताकतों को अधिक सावधान रहने का समय आ गया है।’

अभिनेत्री पूजा भट्ट ने ट्विटर पर राष्टीय महिला आयोग को टैग करते हुए कहा, ‘हमें इस अंधेरे समय में न्याय के लिए लड़ना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। उम्मीद है कि राष्ट्रीय महिला आयोग और रेखा शर्मा सही फैसला लेंगी और हिजाब पहनने के लिए युवा छात्राओं को आतंकित करने वाले लड़कों की जवाबदेही ठहराएंगी। भारत को सभी महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।’

आपको बता दें कि यह विवाद इस साल जनवरी मे कर्नाटक के उडुपी और चिक्कमंगलुरु से शुरू हुआ था। उस वक्‍त कुछ शिक्षण संस्‍थाओं में छात्राएं हिजाब पहनकर आई थीं, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। इसके बाद राज्‍य के कुंडापुर और बिंदूर में भी इसी तरह से कुछ छात्राओं के शिक्षण संस्‍थानों में हिजाब पहनकर आने से यह मामला काफी बढ़ गया था। फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में है। 

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