बिहार: पैक्स निर्वाचन के पश्चात धान अधिप्राप्ति में आई तेजी

राज्य में पाँच चरणों में निर्धारित पैक्स निर्वाचन 03 दिसम्बर, 2024 को समाप्त हो गया है। पैक्सों में नई प्रबंध समिति के गठन के पश्चात् राज्य में चल रही धान अधिप्राप्ति में तेजी आयी है। 01 नवंबर, 2024 से आरंभ धान अधिप्राप्ति कार्यक्रम में राज्य के 13318 किसानों से 1.02 लाख मीट्रिक टन धान क्रय किया जा चुका है। 03 नवंबर, 2024 को सम्पन्न निर्वाचन के पाँचवे और अंतिम चरण के बाद मात्र दो दिनों में ही 3183 किसानों से 26690 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गयी है। अब तक राज्य में जिला टास्क फोर्स द्वारा कुल 6532 समितियों का चयन धान अधिप्राप्ति के लिए किया गया है, जिसमें से कुल 3606 समितियाँ धान अधिप्राप्ति का कार्य आरंभ कर चुकी है। निर्वाचन प्रक्रिया के सम्पन्न होने के पश्चात मात्र दो दिनों में ही 1406 समितियाँ क्रियाशील हो गयी है।

सहकारिता विभाग द्वारा निर्वाचन के दौरान भी अधिप्राप्ति कार्य के सुचारू ढंग से चलने के लिए सभी प्रखण्ड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गए थे। क्रय किए गए धान का मूल्य त्वरित गति से किसानों के खाते में पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से भेजा जा रहा है। किसानों के धान का मूल्य क्रय करने के 48 घंटे के भीतर करने का प्रावधान है। राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम०एस०पी०) मो० 2300/- प्रति क्वींटल साधारण धान तथा मो० 2320/- प्रति क्वींटल ग्रेड-ए धान का तय है। इसके अतिरिक्त किसानों को 25 रुपये प्रति क्वींटल की दर से गनी बैग का मूल्य भुगतान किया जा रहा है। विभाग द्वारा अबतक 8122 किसानों को बेचे गए धान का मूल्य उनके नामित बैंक खाते में उपलब्ध करा दिया गया है।

नयी परिसीमन के पश्चात कतिपय पैक्स पूर्ण या आंशिक रूप से नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित कर लिए गए हैं। इनमें ऐसे पैक्स जिनका पुनर्गठन नहीं हो पाया था उन क्षेत्र के किसानों को लाभान्वित करने के लिए विभाग ने पूर्व पैक्स के द्वारा ही अधिप्राप्ति करने की अनुमति प्रदान की है। इसके अतिरिक्त अवक्रमित एवं व्यतिक्रमी पैक्सों को भी धान अधिप्राप्ति कार्य में जोड़ने हेतु आवश्यक निदेश दिया गया है। वैसी समितियाँ जिनका कतिपय तकनीकी अथवा वैधानिक कारणों से चयन नहीं हुआ है उन क्षेत्र के किसानों को उनसे निकटवर्ती समितियों से संबद्ध कर अधिप्राप्ति का कार्य सम्पन्न कराया जा रहा है। व्यतिक्रमी समितियाँ जहाँ निर्वाचन के उपरान्त नई प्रबंधकारिणी का गठन हुआ है तथा उनमें अध्यक्ष सहित प्रबंध समिति के सदस्य नए है, उनको भी नियमानुसार अधिप्राप्ति कार्य करने हेतु चयन करने का निदेश दिया गया है। साथ हीं, अवक्रमित समितियों में सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को प्रशासक के रूप में नियुक्त करते हुए अधिप्राप्ति कार्य करने हेतु जिलो को निर्देश दिया गया है। किसानों की सुविधा एवं उनके हित के लिए गत वर्ष धान अधिप्राप्ति हेतु आवेदित / निबंधित किसानों को इस वर्ष धान अधिप्राप्ति हेतु विभाग द्वारा मान्य किया गया है।

विभाग द्वारा इस वर्ष की निर्धारित धान क्रय का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन को प्राप्त करने हेतु निरंतर अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण हेतु दो या तीन जिलो पर एक नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया है। जिनके द्वारा जिलो का नियमित अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा अधिप्राप्ति केन्द्रो का सतत् निरीक्षण करने हेतु चेकलिस्ट एवं ऑनलाईन रिर्पोटिंग प्रणाली की भी व्यवस्था की गई है। प्रखण्डो को क्लस्टर में विभाजित कर औसतन 9 क्रय केन्द्रो पर एक सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों के प्रभार अंतर्गत धान अधिप्राप्ति कार्य को सुचारू रूप से सम्पन्न करायी जाने की व्यवस्था की गई है।

प्रखण्ड, क्लस्टर एवं पंचायत स्तर पर धान क्रय की स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है तथा जिन केन्द्रो पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उन्हें आगामी दो से तीन दिनों में अधिप्राप्ति कार्य प्रारम्भ करने हेतु कार्रवाई की जा रही है। निबंधक, सहयोग समितियाँ द्वारा दैनिक रूप से जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर धान अधिप्राप्ति कार्य की समीक्षा की जा रही है। इसका अनुश्रवण उच्च स्तर पर विभागीय सचिव एवं माननीय मंत्री द्वारा निरंतर किया जा रहा है।

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