बिहार: नवादा में 20 से ज्यादा घर जलाने जाने को लेकर सियासत, कांग्रेस ने NDA को घेरा
बिहार के नवादा में दलित बस्ती में घरों को जलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य के कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। कांग्रेस ने गुरुवार को बिहार की एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य में फैले “जंगल राज” का एक और सबूत है। जो दलितों और वंचितों के प्रति सरकार की “पूर्ण उदासीनता” को दिखाता है।
कांग्रेस के नेता इस दलित बस्ती में 80 से अधिक घरों में आग लगाने की बात कह रहे हैं। वहीं इस मामले में नवादा पुलिस का कहना है कि, जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ननौरा के पास स्थित कृष्णा नगर दलित बस्ती में 21 घरों में आग लगाई गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बुधवार शाम हुई इस आगजनी की घटना के पीछे भूमि विवाद हो सकता है।
खड़गे के निशाने पर आए नीतीश और मोदी
पुलिस का कहना है कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। पुलिस ने इस मामले में दस लोगों को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कहा कि, बिहार के नवादा में महादलित टोला पर दबंगों का आतंक एनडीए की डबल इंजन सरकार के जंगलराज का एक और प्रमाण है।
खड़गे ने आगे लिखा कि, बेहद निंदनीय है कि करीब 100 दलित घरों में आग लगाई गई, गोलीबारी की गई और रात के अँधेरे में ग़रीब परिवारों का सब कुछ छीन लिया गया। भाजपा और उसके सहयोगी दलों की दलितों-वंचितों के प्रति घोर उदासीनता, आपराधिक उपेक्षा व असामाजिक तत्वों को बढ़ावा अब चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी जी हमेशा की तरह मौन हैं, नीतीश जी सत्ता के लोभ में बेफिक्र हैं और एनडीए की सहयोगी पार्टियों के मुँह में दही जम गया है।
प्रियंका ने घटना को बताया- खौफनाक
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना पर रोष जताते हुए एक्स पर लिखा कि, नवादा, बिहार में महादलितों के 80 से ज्यादा घरों को जला देने की घटना बेहद खौफनाक और निंदनीय है। दर्जनों राउंड फायरिंग करते हुए इतने बड़े पैमाने पर आतंक मचाकर लोगों को बेघर कर देना यह दिखाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। आम ग्रामीण-गरीब असुरक्षा और खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। मेरी राज्य सरकार से मांग है कि ऐसा अन्याय करने वाले दबंगों पर सख्त कार्रवाई हो और सभी पीड़ितों का समुचित पुनर्वास किया जाए।