बिहार: छठ महापर्व पर नहीं मिलेगी हाजीपुर के इस प्रसिद्ध केले की मिठास
बिहार का महापर्व छठ पूजा में फलों का महत्व काफी होता है लेकिन केला का महत्व ही कुछ अलग है। इसमें सबसे अधिक मांग हाजीपुर के प्रसिद्ध चीनिया केले की होती है। लेकिन, निराशा की बात यह है कि चीनिया केला इस बार छठ पूजा में शामिल नहीं हो पाएगा। हाजीपुर के दियारा इलाके में बाढ़, आंधी और बारिश ने चीनिया केले की फसल को तबाह कर दिया। हाजीपुर के किसान हर से पूरे देश में चीनिया केला छठ महापर्व पर भेजा करते थे। लेकिन, इस बार इतना केला भी नहीं हुआ है कि वह हाजीपुर के लोगों के बीच उपलब्ध हो।
जानिए, हाजीपुर के केले की खासियत
हाजीपुर के मालभोग, अलपान और चीनिया केले की अपनी अलग ही विशेषता है। चीनिया केला एवं मालभोग का मिठास और स्वाद दूसरे राज्य में होने वाले कला से ज्यादा होता है। लोग इसे बड़ा चाव से खाते हैं। यह अन्य केले से अधिक फायदेमंद भी होता है। हाजीपुर का यह केला विभिन्न राज्यों में किसानों द्वारा सप्लाई भी की जाती है। इसी मांग देश के सभी बाजारों में सबसे अधिक रहती है। लेकिन, इस साल किसान मांग पूरी करने में असमर्थ हैं। इस क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति केले के बगानों पर ही निर्भर करती है।
आपदाओं ने हमलोगों की कमर ही तोड़ दी है
किसानों का कहना है कि समय-समय पर आई कई प्राकृतिक आपदाओं ने हमलोगों की कमर ही तोड़ दी है। सरकार द्वारा केला को फसल बीमा में शामिल नहीं किए जाने के कारण क्षेत्र के किसानों को प्रति वर्ष भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। कभी सुखाड़ तो कभी अतिवृष्टि की वजह से केले के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। इस बार बारिश हवा और बाढ़ का पानी ने किसानों के कमर तोड़ दिया है। छठ के मौके पर यहां के लोग बाहर से मंगाए गए केले पर ही निर्भर हो गए हैं। बाजार में कोलकाता, असम एवं मद्रास का केला बिक रहा है। स्थानीय स्तर पर अकेले की अच्छी फसल नहीं होने के बाद व्यापारियों द्वारा बाहर से केला मंगवा कर बाजारों में बेचा जा रहा है।
लोकल केला दो हजार तक बिक रहा
लोकल केला इस बार 1000 से 2000 रुपये जबकि बाहर का केला 500 से 1000 रुपये घौर बिक रहा है। सबसे बड़ी बात यह है बाहर का केला देखने में यहां के केला से ज्यादा सुंदर है पर स्वाद और सुगंध में यहां के केले जैसा नहीं होता है। लेकिन लोगों को मजबूरी में बाहर का किला खरीदने को लेकर बेबस हो गए हैं।
स्थानीय किसान बोले- मदद करे सरकार
स्थानीय किसान बलिस्टर सिंह ने कहा कि हम लोगों को पूजा करने के लिए केला नहीं है खेती की दैनीय स्थिति है। हम लोग त्योहार मनाएंगे तो उसके लिए पैसे का पूर्ति नहीं है। खेती तो पूरी तरीके से चौपट हो गया हम लोग पूरा परिवार किले पर ही निर्भर हैं। हम लोग मजबूर होकर बैठे हुए हैं। सरकार से हमलोगों को मदद चाहिए। केला के लिए हम लोगों को उर्वरक पैसे का कुछ सहायता मिलेगी। तब ना केले की खेती होगी। छह महीने से केला बर्बाद है लेकिन सरकार का कोई सहायता नहीं मिल रही है। हाजीपुर वाला केला का स्वाद नहीं मिलेगा। किसान निर्दोष यादव ने बताया कि पूरी तरीके से केला का फसल बर्बाद हो गया है। लेकिन, सरकार का कोई ध्यान नहीं है। लगातार हुई बारिश के कारण ज्यादा दिन तक खेत में पानी लग रहा है। जिससे पूरी तरीके से केला का फसल क्षतिग्रस्त हो गया। हम लोग बहुत परेशान हैं। कर्ज लेकर खेती करते हैं। केला का फसल दो सालों से बर्बाद हो रहा है। सरकार को मुआवजा देना चाहिए। इससे हम लोग फिर से खेती कर सकें।