बिहार: 55 वर्ष पुराने भ्रष्टाचार के मामले में पटना SSP के खिलाफ कारण बताओ नोटिस

 बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने 55 वर्ष पुराने भ्रष्टाचार के मामले में अभियुक्त के खिलाफ जारी इश्तहार और कुर्की जब्ती वारंट का प्रतिवेदन नहीं देने के कारण पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।        

निगरानी के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने यह आदेश कोतवाली थाना में दर्ज वर्ष 1969 के एक मुकदमे में एक अभियुक्त के खिलाफ जारी किए गए इश्तहार और कुर्की जब्ती वारंट का प्रतिवेदन सात महीने बाद भी नहीं प्रस्तुत किए जाने के कारण जारी किया है। गौरतलब है कि पटना के कोतवाली थाने में वर्ष 1969 में कोतवाली थाना कांड संख्या 12/1969 के रूप में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें 22 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। 

मामला पटना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में जालसाजी और भ्रष्टाचारपूर्वक एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत लाखों रुपयों की सरकारी राशि के गबन का था। बाद में पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें से एक अभियुक्त सूरज विजय सिंह का वाद पृथक हो गया था लेकिन सुशांत कुमार बनर्जी नाम के एक अभियुक्त के खिलाफ मामला लंबित था। इस अभियुक्त की लगातार अनुपस्थिति के कारण इसका बंध पत्र रद्द हो गया था और फिर इसकी उपस्थिति के लिए जारी किए गए गिरफ्तारी के वारंट और कुर्की जब्ती पर कोई तामिला प्रतिवेदन अदालत में नहीं सौंपा गया।        

पिछली बार 07 अक्टूबर 2023 को निगरानी की विशेष अदालत ने इस अभियुक्त के खिलाफ इश्तिहार और कुर्की जब्ती का वारंट जारी किया था लेकिन सात महीने बीत जाने के बाद भी उक्त जारी किए गए इश्तिहार और कुर्की जब्ती का तमिला प्रतिवेदन अदालत में नहीं सौंपा गया है, जिस कारण अदालत ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए मामले के निष्पादन के लिए यह कारण बताओ नोटिस पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जारी किया है, जिसकी प्रति पुलिस महानिदेशक बिहार को भेजे जाने का भी आदेश दिया है। आदेश में इस मामले को उक्त अदालत में लंबित सबसे अधिक पुराने मामलों में से एक बताया गया है। 

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