‘कन्नौज का बिकरू’: हिस्ट्रीशीटर मुनुआ के मकान पर बुलडोजर चलना तय
हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव के विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधीरपुर नगरिया के मकान पर पुलिस व राजस्व टीम की जांच रिपोर्ट के बाद बुलडोजर चलाने के लिए मोहर लग चुकी है। किसी भी दिन प्रशासन उसे जमींदोज करा सकता है।
एसडीएम न्यायालय में 26 दिसंबर को की गई 133 (1) सीआरपीसी की कार्रवाई के बाद विशुनगढ़ थाना पुलिस ने जो रिपोर्ट सौंपी है। उसमें मुनुआ के घर को आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बताया गया है। धरनीधीरपुर नगरिया के आम रास्ते के बगल में मुनुआ ने बंकरनुमा मकान का निर्माण किया है। यहां से वह आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया करता था। मकान में जालीदार झरोखे व कमरों की दीवारों में छोटे-छोटे होल हैं। इन्हीं का फायदा उठाकर मुनुआ ने 25 दिसंबर को कुर्की का नोटिस लेकर पहुंची पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसमें विशुनगढ़ थाने के सिपाही सचिन राठी को गोली लगी थी, जिससे उसकी मौत हुई थी। पुलिस व राजस्व टीमों की जांच रिपोर्ट के बाद एसडीएम उमाकांत तिवारी ने मुनुआ के बंकरनुमा मकान को गिराए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय के बाद अब किसी भी दिन उसके मकान पर बुलडोजर चल सकता है।
नोटिसों के बाद भी हिस्ट्रीशीटर ने नहीं दिया जवाब
एसडीएम उमाकांत तिवारी ने बताया कि 133(1) का नोटिस 27 दिसंबर को तिर्वा मेडिकल कॉलेज में भर्ती हिस्ट्रीशीटर मुनुआ को तामील कराते हुए मकान पर चस्पा करा दिया गया था। सुनवाई के लिए 30 दिसंबर की तिथि दी गई थी। नोटिस में उसे आपराधिक गतिविधियों का केंद्र बने उसके मकान को हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस नोटिस का जवाब उसे वकील के माध्यम से देना था, लेकिन 31 दिसंबर तक हिस्ट्रीशीटर की तरफ से कोई जवाब दाखिल नहीं किया, और न ही मकान हटाया गया है।
एसडीएम व सीओ ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा
एसडीएम उमाकांत तिवारी व सीओ ओमकार नाथ शर्मा ने धरनीधीरपुर नगरिया पहुंचकर हिस्ट्रीशीटर मकान का निरीक्षण किया। तीन मंजिला मकान को गिराने के लिए रुपरेखा बनाई। सूत्रों की माने तो इस मकान को अकेले जेसीबी की मदद से नहीं गिराया जा सकता है, ऐसे में इसे गिराने के लिए प्रशासन ने अन्य साधन जुटाने की तैयारी शुरू कर दी है।
मुनुआ की हिस्ट्रीशीट बढ़े छह और आपराधिक मामले
एसपी अमित कुमार आनंद ने मुनुआ यादव की हिस्ट्रीशीट जारी की थी। इसमें उस पर दर्ज 20 मुकदमे दिखाए गए थे। मुठभेड़ के बाद संगीन धाराओं में तीन मुकदमे विशुनगढ़ थाने में दर्ज किए गए। साथ ही उसकी आपराधिक हिस्ट्री खंगालने के बाद तीन अन्य मामले छिबरामऊ थाने में भी दर्ज मिले।