बायजू रवींद्रन को लगा बड़ा झटका! शेयरहोल्डर्स ने बोर्ड से किया बाहर
शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच बायजू के 60 प्रतिशत से अधिक शेयरधारकों ने शुक्रवार को देश के सबसे लोकप्रिय तकनीकी स्टार्टअप में कथित ‘कुप्रबंधन और विफलताओं’ को लेकर संस्थापक एवं सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिजनों को निदेशक मंडल से हटाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। लेकिन बायजू मंच का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न (टी एंड एल) ने संस्थापक सदस्यों की अनुपस्थिति में किए गए इस मतदान को ‘अमान्य’ बताते हुए इससे किनारा करने की कोशिश की। कंपनी के छह निवेशकों ने रवींद्रन एवं उनके परिजनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई थी। हालांकि रवींद्रन और उनका परिवार ईजीएम को ‘प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य’ बताते हुए इससे दूर रहा।
ईजीएम बुलाने वाली एक प्रमुख निवेशक कंपनी प्रोसस ने बयान में कहा, “शेयरधारकों ने मत के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इनमें बायजू में संचालन, वित्तीय कुप्रबंधन और अनुपालन मुद्दों के समाधान के लिए अनुरोध, निदेशक मंडल का पुनर्गठन और कंपनी के नेतृत्व में बदलाव शामिल है।” भले ही ईजीएम में रवींद्रन और उनके परिजनों को कंपनी के निदेशक मंडल से हटाने के पक्ष में मतदान हुआ है लेकिन इस बैठक का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा।
दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट उस दिन ईजीएम बुलाने के कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा। हालांकि हाईकोर्ट ने थिंक एंड लर्न (टीएंडएल) में सामूहिक रूप से 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों द्वारा बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया था। लेकिन उसने कहा था कि बैठक में पारित कोई भी प्रस्ताव अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा।
कंपनी के संस्थापक रवींद्रन और उनके परिवार के पास 26।3 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस बीच, ईजीएम का नतीजा घोषित होने के पहले ही बायजू ने एक बयान जारी करते हुए प्रस्तावों को अमान्य और अप्रभावी बताया। कंपनी ने कहा, “ईजीएम में चुनिंदा शेयरधारकों का एक छोटा समूह शामिल है। इसमें लागू न हो सकने वाले प्रस्तावों को पारित करना कानून के शासन को चुनौती देने का काम करते हैं।”