सपा नेता आजम खान को HC से बड़ा झटका

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, रामपुर के डूंगरपुर चर्चित मामले में सात साल की सजा पाए आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खान, ठेकेदार बरकत अली और अजहर खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकल पीठ ने आजम की ओर से सजा निलंबित करने और जमानत पर रिहा करने की मांग वाली अपील पर दिया है।

घर में घुसकर तोड़फोड़ करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप
बता दें कि पूरा मामला रामपुर जिले के गंज थाना क्षेत्र का है। एहतेशाम नाम के व्यक्ति ने आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खान, ठेकेदार बरकत अली समेत तीन अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट, घर में घुसकर तोड़फोड़ करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा एफआईआर दर्ज कराई थी। 30 मई 2024 को रामपुर की एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने आजम को 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही उन पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसी मामले में आले हसन खान, अजहर खान और बरकत अली को पांच पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ सपा नेता ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

क्या है डूंगरपुर कांड
गौरतलब है कि आजम के खिलाफ 2019 में डूंगरपुर में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें से तीन मुकदमों में फैसला आ चुका है। दो मामलों में आजम बरी हो चुके हैं। जबकि, एक मामले में उन्हें दस साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। इस चौथे मामले में उन्हें सात साल की सजा सुनाई गई है। आरोप था कि तीन फरवरी 2016 को जेल रोड निवासी एहतेशाम खान के घर में कुछ लोगों ने घुसकर मारपीट की। साथ ही घर भी बुलडोज़र से गिरवा दिया था।

Back to top button