मोदी राज में देशवासियों को मिली बड़ी खुशखबरी अब कोरोना वायरस का होगा खात्मा

इन दिनों हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल है आखिरकार कोरोना वायरस का खात्मा करने वाली वैक्सीन कब बनेगी? दवा कब आएगी? तो इस सवाल के जवाब के बीच देशवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है।

वैक्सीन को लेकर हो रहे ट्रायल के बीच भारत में इसके उत्पादन को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। दरअसल, पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की लैब में कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन करने और आपूर्ति करने की तैयारी हो रही है।

ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने घोषणा की है कि उसने वैक्सीन AZD1222 की सप्लाई के लिए भारत से हाथ मिलाया है और एसआईआई के साथ लाइसेंस करार करने वाली है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की अपनी संभावित वैक्सीन की सप्लाई का जिम्मा एस्ट्राजेनेका कंपनी को ही दे रखा है।

एस्ट्राजेनेका और एसआईआई मिलकर एक अरब यानी 100 करोड़ की तादाद में वैक्सीन बनाने की तैयारी में है।

इनमें से 40 करोड़ वैक्सीन को इसी साल के अंत तक आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। पुणे में बनने वाली कोरोना वायरस वैक्सीन की भारत समेत कम आय वाले देशों को आपूर्ति की जाएगी।

बता दें कि कोरोना वैक्सीन बनाने की रेस में दुनिया में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सबसे आगे हैं। यहां वैक्सीन का ट्रायल दूसरे चरण में पहुंच गया है।

हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की घोषणा की है जिसमें 10,000 वयस्कों को शामिल किया जाएगा।

एसआईआई की लैब में फिलहाल 165 देशों के लिए 20 तरह की वैक्सीन बनती हैं और हर साल करोड़ों की तादाद में यहां से वैक्सीन की सप्लाई होती है।

लेकिन इस बार इस कंपनी को जो जिम्मेदारी मिली है उसे लेकर सीईओ आदर पूनावाला बेहद उत्साहित हैं।

पिछले 50 सालों में एसआईआई ने विश्व स्तर पर वैक्सीन के उत्पादन और सप्लाई में अहम भूमिका निभाई है।

एसआईआई इस वक्त यूके की ऑक्सफोर्ड, अमेरिका के कोडेजेनिक्स और ऑस्ट्रेलिया की बायोटेक फार्म थेमिस द्वारा विकसित की गई वैक्सीन कैंडीडेट्स पर काम कर रही है।

लेकिन पूनावाला को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि यह ट्रायल में सबसे आगे है। इसके अलावा एसआईआई अपनी खुद की भी वैक्सीन विकसित कर रहा है।

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