बड़ी खबर: गृहकर के बड़े बकायेदारों की होगी कुर्की, पढ़ें पूरा अपडेट

नगर निगम भवन स्वामियों को गृहकर जमा करने में 10 प्रतिशत छूट दे रहा है। यह छूट 30 नवंबर तक मिलेगी। नगर आयुक्त के अनुसार भवन स्वामी इस छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके बाद उनसे पूरा गृहकर वसूला जाएगा। बड़े बकायेदारों के साथ सख्ती भी की जाएगी।

शासन की तरफ से गृहकर वसूली का लक्ष्य बढ़ाए जाने के साथ ही कानपुर नगर निगम सख्ती के मूड में आ गया है। सोमवार से ही गृहकर के बड़े बकायेदारों की कुर्की करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। साथ ही सरकारी बकायेदारों से वसूली के लिए नगर निगम शासन स्तर पर पैरवी तेज करेगा। नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्तों से लेकर जोनल अफसरों को नियमित रूप से वसूली की समीक्षा के निर्देश दिए हैं।

शासन ने नगर निगम को पिछले वित्तीय वर्ष (2022-23) में 230 करोड़ रुपये गृहकर वसूली का लक्ष्य दिया गया था। नगर निगम ने न सिर्फ इस लक्ष्य को प्राप्त किया था बल्कि 43 करोड़ रुपये की ज्यादा वसूली करते हुए 273 करोड़ रुपये गृहकर प्राप्त किया था। इस पर शासन ने 100 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि देने का भी एलान किया है। साथ ही चालू वित्तीय वर्ष के लिए गृहकर वसूली का लक्ष्य बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया था।

इस महीने में अभी तक करीब पांच करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई है
इस लक्ष्य के सापेक्ष नगर निगम अब तक करीब 155 करोड़ रुपये ही वसूल कर पाया है। लेकिन तीन दिन पहले शासन ने यह लक्ष्य और बढ़ाकर 413 करोड़ रुपये कर दिया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अब 133 दिनों में 259 करोड़ रुपये का गृहकर नगर निगम को वसूलना पड़ेगा। इस तरह निगम को रोज 1.95 करोड़ रुपये गृहकर करनी होगी। चिंताजनक बात यह है कि इस महीने में अभी तक करीब पांच करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई है।

30 नवंबर तक 10 फीसदी छूट
नगर निगम भवन स्वामियों को गृहकर जमा करने में 10 प्रतिशत छूट दे रहा है। यह छूट 30 नवंबर तक मिलेगी। नगर आयुक्त के अनुसार भवन स्वामी इस छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके बाद उनसे पूरा गृहकर वसूला जाएगा। बड़े बकायेदारों के साथ सख्ती भी की जाएगी।
सरकारी विभागों से वसूली के लिए शासन स्तर में पैरवी की जाएगी। उनके खाते सीज किए जाएंगे। नोटिस के बावजूद जो निजी बड़े बकायेदार गृहकर नहीं जमा करेंगे, उनके भवनों की कुर्की होगी। अपर नगर आयुक्तों और जोनल अधिकारियों को वसूली अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।

पेटीएम, फोन-पे से भी जमा होगा गृहकर
शहरवासियों को बिजली के बिल की तरह 10 दिसंबर से डिजिटल पेमेंट के जरिये गृहकर जमा करने की भी सुविधा मिल जाएगी। नगर निगम ने इसके लिए गृहकर संबंधी सॉफ्टवेयर अपडेट कर लिया है। फिलहाल पेटीएम, फोन-पे के माध्यम से डिजिटल पेमेंट होगा। बाद में अन्य डिजिटल माध्यमों से भी यह सुविधा मिलने लगेगी। शहर में 4.42 लाख भवन नगर निगम के टैक्सनेट में हैं। चालू वित्तीय वर्ष (2023-24) में इन भवनों से 413 करोड़ रुपये गृहकर वसूलने का लक्ष्य है।

गृहकर संबंधी सॉफ्टवेयर अपडेट कराया गया है
फिलहाल नगर निगम जोनल कार्यालयों में संबंधित जोन और वार्ड कार्यालयों में उस वार्ड के भवन स्वामियों से नगद या चेक के जरिये गृहकर जमा करने की सुविधा है। एक बैंक में भी ऑनलाइन गृहकर जमा किया जा सकता है, लेकिन इसमें किया गया भुगतान तत्काल प्रदर्शित न होने और खाते से पैसा कटने के बावजूद गृहकर बकाया दिखने की वजह से लोग इससे बचते हैं और एक प्रतिशत लोग भी बैंक के जरिये ऑनलाइन गृहकर जमा नहीं करते हैं। इन शिकायतों के मद्देनजर ही नगर निगम का गृहकर संबंधी सॉफ्टवेयर अपडेट कराया गया है।

जोनल कार्यालयों और वार्ड कार्यालयों में व्यवस्था यथावत रहेगी
अपर नगर आयुक्त (प्रथम) प्रतिपाल चौहान ने बताया कि गृहकर भुगतान के लिए पेटीएम और फोन-पे से सहमति मिल गई है। गूगल-पे सहित अन्य डिजिटल पेमेंट माध्यमों से भी भुगतान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जोनल कार्यालयों और वार्ड कार्यालयों में भुगतान करने की व्यवस्था यथावत रहेगी।
10 दिसंबर से शहरवासियों को डिजिटल माध्यम से गृहकर भुगतान की सुविधा मिलने लगेगी। इसके लिए ट्रायल हो गया है। तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। -शिवशरणप्पा जीएन, नगर आयुक्त

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