बड़ी खबर: महाराष्ट्र के पुणे में 2 लाख से ज्यादा कोरोना केस से हडकंप

अप्रैल की शुरुआत में जब न्यूयॉर्क शहर में हर दिन 4,000 से अधिक कोरोना वायरस केस दर्ज हो रहे थे, तब न्यूयॉर्क दुनिया भर में चर्चा का विषय था. जब मुंबई में हर दिन 2,000 से अधिक केस बढ़ने लगे तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान मुंबई पर आ गया. हर दिन 3,000 केस पार करने पर दिल्ली भी अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बना. लेकिन एक भारतीय जिला ऐसा भी है जो हर दिन रिकॉर्ड केस दर्ज कर रहा है, लेकिन इसकी चर्चा बहुत कम हो रही है. ये जिला है पुणे. अगर वैश्विक स्तर पर तुलना हो तो भी पुणे की स्थिति बहुत खराब है.

जनगणना 2011 के मुताबिक, पुणे की जनसंख्या 94 लाख है और ये भारत का चौथा सबसे बड़ा जिला है. फिलहाल पुणे में 2 लाख से ज्यादा केस हैं. ये संख्या मुंबई के दो जिलों की संयुक्त संख्या से भी ज्यादा है. हर दिन यहां 4,000 से अधिक केस दर्ज हो रहे हैं और पुणे में रोजाना नए केस की संख्या सबसे ज्यादा है.

5 सितंबर को पुणे में 4,800 से ज्यादा नए केस दर्ज हुए. इसके अगले दिन 4,700 से ज्यादा नए केस आए. इसके अगले दिन फिर 4,100 से ज्यादा केस दर्ज हुए. यानी पुणे देश का ऐसा जिला बन गया है, जहां हर दिन 4,000 से ज्यादा नए केस दर्ज हो रहे हैं. इस वक्त पुणे में मुंबई की तुलना में करीब 50,000 केस ज्यादा हैं, जबकि मुंबई में दो जिले हैं.

पुणे में एक जुलाई के बाद सिर्फ दो दिन ऐसे थे जब करीब 1,000 केस आ रहे थे. लेकिन इसके बाद यहां कोरोना ग्राफ बहुत ही बेरहमी से ऊपर गया है. हर दिन नए केस की संख्या अचानक 1,000 से बढ़कर 2,000 पहुंची और फिर 3,000 पहुंच गई. अब यहां हर दिन रिकॉर्ड 4,000 से ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं.

पुणे जिले में दो नगर निगम हैं- एक पुणे शहर और दूसरा इंडस्ट्रियल टाउनशिप पिंपरी-चिंचवड जो कि सेमी-अर्बन इलाका है. मुख्य तौर पर केस पुणे नगर निगम से आ रहे हैं, लेकिन इसके कस्बों और ग्रामीण इलाकों में पिंपरी-चिंचवड से ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं.

जिले के आधे से ज्यादा केस अकेले पुणे शहर में आ रहे हैं. यहां हर दिन 2,000 से ज्यादा नए केस दर्ज हो रहे हैं. पिछले हफ्ते पुणे में बिहार और बंगाल जैसे राज्यों की तुलना में ज्यादा नए केस आए हैं, जिनकी जनसंख्या पुणे से दस गुना ज्यादा है. सिर्फ भारतीय राज्य ही नहीं हैं जिनको पुणे ने पीछे छोड़ रखा है.

पिछले हफ्ते हर दिन औसतन 4,000 से ज्यादा नए केस के साथ पुणे दुनिया के 11 देशों से आगे रहा. दक्षिण अफ्रीका, चिली और ईरान जैसे बुरी तरह प्रभावित देशों में पुणे की तुलना में कम केस दर्ज हो रहे हैं. महाराष्ट्र के इस जिले में इमरजेंसी की स्थिति है, लेकिन सरकार की तरफ से न तो यह बताया गया है कि पुणे की इस हालत के पीछे वजह क्या है, न ही इससे निपटने की कोई खास योजना सामने आई है.

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